हाइलाइट्स
- सपा से निष्कासन के बाद शुरू हुआ वार-पलटवार
- अखिलेश को जवाब, कहा- सीट नहीं इंसाफ़ जरूरी
- “सीट की नहीं, इंसाफ की खुशी है”- पूजा पाल
Pooja Pal Vs Akhilesh Yadav: विधायक पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से निष्कासन के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के तंज पर तीखा जवाब देते हुए कहा कि उन्हें चुनावी सीट की नहीं, बल्कि अपने पति के हत्यारों को सजा मिलने की खुशी है।
सपा से निष्कासन के बाद शुरू हुआ वार-पलटवार
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति में इन दिनों समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से विधायक पूजा पाल (Pooja Pal) के निष्कासन के बाद बयानबाजी तेज हो गई है। चायल (Chail) सीट से सपा विधायक रही पूजा पाल को पार्टी से बाहर किए जाने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तंज कसते हुए कहा था कि वह भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party – BJP) से टिकट पक्का करवा लें।
“सीट की नहीं, इंसाफ की खुशी है”
अखिलेश यादव के इस बयान पर पूजा पाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर कड़ा जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “मुझे चुनावी सीट की चिंता नहीं, बल्कि इस बात की खुशी है कि मेरे पति के हत्यारों का टिकट अब जहन्नुम के लिए कट चुका है।”
वोट बैंक के लिए सजा का आरोप
पूजा पाल ने अपने निष्कासन को वोट बैंक की राजनीति से जोड़ा और आरोप लगाया कि एक कुख्यात माफिया, जिसने उनका परिवार उजाड़ दिया, उसी के खिलाफ आवाज उठाने की सजा उन्हें दी गई है। उन्होंने कहा, “जब मैं पहले नहीं झुकी, तो अब क्यों चुप रहूं।”
माफिया के खिलाफ एक शब्द क्यों नहीं?
पूजा पाल ने अखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहा कि जितनी ऊर्जा वे उनके खिलाफ बयान देने में लगा रहे हैं, उतनी ही एक बार माफिया अपराधियों के खिलाफ भी लगाते। उन्होंने खुद को पीडीए (PDA) समाज की पीड़ित बेटी बताते हुए सवाल किया कि उनके साथ हुए अन्याय पर पीडीए हितैषी नेताओं को पीड़ा क्यों नहीं होती।
संघर्ष का रास्ता जारी रहेगा
उन्होंने कहा कि विधानसभा में उनके शब्द उनकी वर्षों पुरानी भावनाओं का प्रतिबिंब थे। अगर न्याय मिलने पर वे चुप रहतीं, तो यह उनके संघर्ष के साथ अन्याय होता। “मैंने जीवन भर संघर्ष पथ पर चलना सीखा है और डरकर पीछे नहीं हटूंगी।”
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