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नई दिल्ली। कोरोना के खतरों Pollution Effecct के बीच दूसरी समस्याएं भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी बीच दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दीपावली पर आतिशबाजी के बाद हर साल वायू प्रदूषण बढ़ जाता है। ​लेकिन इस बार इसमें पिछले 5 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण पिछले 5 वर्ष के अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है। जानकारी के मुताबिक यहां पॉल्यूशन का स्तर इतना अधिक हो गया है कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्ले ग्राउंड में बाहर न खेलने की सलाह विभाग द्वारा स्कूलों को दी जा रही है।
ये भी डाटा आ रहा है कि हर साल वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों पर इसका लंबी अवधि में भी असर होता है, इससे उनके फेफड़ों के विकास पर भी असर होता है और उनके फेफड़ों की क्षमता कुछ हद तक कम होती है: एम्स के निदेशक pic.twitter.com/TnLSMhVo5s
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 5, 2021
क्या कहते हैं एम्स के डायरेक्टर
दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ.रणदीप गुलेरिया ने इस प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है। उनके अनुसर बढ़ता वायु प्रदूषण भी बच्चों के फेंफड़ों पर असर डालता है। उनके अनुसार अ​भी डाटा आ रहा है कि हर साल वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों पर इसका लंबी अवधि में भी असर होता है। इससे उनके फेफड़ों के विकास पर भी असर होता है और उनके फेफड़ों की क्षमता कुछ हद तक कम होती है। हमने एक अध्ययन में पाया है कि जब भी प्रदूषण का स्तर ज़्यादा होता है। तो उसके कुछ दिन बाद बच्चों और व्यस्कों में सांस की समस्या की इमरजेंसी विजिट बढ़ जाती हैं। ये तय है कि प्रदूषण से सांस की समस्या बढ़ जाती है।
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