भोपाल। मध्यप्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को भाजपा औऱ कांग्रेस दोनों ही पार्टियां वोटरों को साधने में लगी हुई है। विस चुनाव में 2 साल का समय बाकी है लेकिन राजनीतिक दल जमीनी स्तर पर जाकर जनता के बीच अपनी पार्टी की उपलब्धियों को गिना रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस बड़वानी में आदिवासी अधिकार यात्रा के जरिए प्रदेश की आदिवासी सीटों को साधने की कोशिश में है।भाजपा सरकार की योजनाओं और संगठन के कामकाज को लेकर 2 दिन पहले नवनियुक्त मोर्चो के पदाधिकारी, मोर्चा प्रभारी एवं प्रकोष्ठ संयोजकों की बैठक आयोजित की थी। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत, संगठन महामंत्री हितेंद्र शर्मा आदि ने पदाधिकारियों बूथ स्तर को मजबूत करने के टिप्स भी दिए थे।
आदिवासियों के साथ, कमलनाथ का हाथ। pic.twitter.com/u5AzGRERLc
— MP Congress (@INCMP) September 5, 2021
बीजेपी और कांग्रेस के रडार पर आदिवासी वोटर
अब बीजेपी और कांग्रेस के रडार पर आदिवासी वोटर अभी से आ गए हैं। कांग्रेस ने बड़वानी में आदिवासी दिवस का आयोजन कर आदिवासी बहुल इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है तो वहीं बीजेपी कांग्रेस की नाकामियों को बताकर आदिवासियों के मुद्दे पर घेरने में लगी है। मध्य प्रदेश के बड़वानी में आज कांग्रेस (Congress) आदिवासी अधिकार यात्रा निकाल रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने आदिवासियों को संबोधित किया। इस आदिवासी यात्रा के जरिए कांग्रेस आदिवासियों के बीच अपनी पुरानी जड़ें और मजबूत करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस आदिवासियों के उत्पीड़न और उनसे जुड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस बीजेपी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल है।
आज कमलनाथ यह जरूर बताएंगे कि उन्होंने संबल योजना बंद करके 15 महीने तक आदिवासियों को गरीबी से जूझने के लिए मजबूर किया#धोखा_यात्रा
— इन्दरसिंह परमार (@Indersinghsjp) September 6, 2021
बीजेपी ने कहा-धोखा यात्रा
कांग्रेस की आदिवासी यात्रा को लेकर बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस और पूर्व सीएम कमलनाथ पर तंज कसा है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर आदिवासियों के साथ छलावा करने का आरोप लगाया है।वहीं पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने भी कांग्रेस की यात्रा को विपक्ष का राजनीतिक धर्म बताया है।
कांग्रेस इस यात्रा के जरिए आदिवासियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और बीजेपी सरकार की नीति रीति पर जगाने की कोशिश में है।
यह यात्रा कांग्रेस का नाटक है। यदि कांग्रेस आदिवासियों की हितैषी होती तो कमलनाथ परिसीमन के समय आदिवासियों के लिए आरक्षित हो रही छिंदवाड़ा सीट को क्यों नहीं होने दिया। यदि आदिवासी नेता सदन में जाता तो वह अच्छे से उनकी बात रख सकता था। pic.twitter.com/vkFnXMdGll
— विश्वास कैलाश सारंग (@VishvasSarang) September 6, 2021
वहीं कांग्रेस की इस यात्रा को लेकर भाजपा भी हमलावर है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि 70 साल कांग्रेस के शासन में आदिवासियों को सिलेंडर क्यों नहीं दिया गया। यह एक धोखा यात्रा है। बीजेपी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने लिखा आदिवासी झोपड़े में बिजली का लट्टू क्यों नहीं पहुंचा।70 साल के शासन में आदिवासी को सिलेंडर क्यों नहीं दिया। कांग्रेस यदि आदिवासियों की हितैषी है तो तो भाजपा सरकार की संबल योजना क्यों बंद की गई। सहरिया, बैगा, भारिया महिला पोषण को दी जाने वाली 1000 रुपए की राशि क्यों क्यो की गई।
15 महीनों में जनजातियों को अपमानित करती रही कांग्रेस सरकार
कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते एमपीपीएससी के प्रश्नपत्र में भील जाति को अपराधी बताकर अपमानित किया।
जबकि इस जनजाति ने टंट्या भील जैसे महान क्रांतिकारी को जन्म दिया।#धोखा_यात्रा pic.twitter.com/evrIRlCzOX
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) September 6, 2021
कांग्रेस ने भाजपा पर किया पलटवार
बीजेपी नेताओं के धोखा यात्रा के जबाव में एमपी कांग्रेस ने भी कमलनाथ सरकार में हुए फैसलों पर वीडियो जारी कर दिया। वीडियो के जरिए आदिवासियों को बताने की कोशिश की है कि 15 महीने में कमलनाथ सरकार ने अपना वादा निभाया. साहूकार के कर्ज से आदिवासियों को मुक्त कराने का फैसला हुआ। आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई फैसले हुए. वन ग्राम को राजस्व ग्राम बनाया गया। आदिवासी क्षेत्रों में सोलर बिजली के जरिए घरों को रोशन किया गया। आदिवासी दिवस पर 1 दिन का अवकाश जारी किया गया।