भोपाल। नई संसद के श्री गणेश के साथ ही मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया। जिसका सीधा असर 2023 और 24 चुनाव में देखने को मिल सकता है। आधी आबादी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक सुर है। हालांकि इसपर श्रेय की राजनीति भी देखने को मिल रही है
128 अमेंडमेंड बिल संसद में पेश
भारत के संविधान का और संशोधन करने वाले the constitution 128 अमेंडमेंड बिल 2023 को सदन में पूर्व स्थापित करने की अनुमति दी जाए। -अर्जुन मेघवाल, केंद्रीय कानून मंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन को बताया ऐतिहासिक
और इस तरह 128वां संशोधन बिल, यानी महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। नई संसद के श्री गणेश के साथ ही दशकों से अटका बिल लाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए ऐलान किया कि इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से जाना जाएगा।
महिलाओं को अधिकार देने महिलाओं की शक्ति का उपयोग करने के लिए जो काम ईश्वर शायद इस काम के लिए मुझे चुना है। आज 19 सितंबर की वो तारीख इसलिए इतिहास में अमृत्व प्राप्त करने जा रही है। -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
बिल को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा
महिला आरक्षण बिल लागू होने के बाद सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों यानी लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा। तो जाहिर है, इसे मध्यप्रदेश समेत 5 राज्यों के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
आधी आबादी को साधने में जुटी बीजेपी, लाडली बहनों को सम्मान राशि समेत गैस सिलेंडर, बिजली और आवास योजना की सौगात दे चुकी है। तो इस बिल से मध्यप्रदेश में महिलाओं के साथ चुनाव में बीजेपी भी सशक्त होगी।
विधायक ने कहा समाज की तस्वीर बदलेगी
अपार प्रसन्नता से मन भरा हुआ है, कि निश्चित रुप से इस देश की आधी आबादी को राजनीति के क्षेत्र में काम करने का जो अधिकार मिलना चाहिए था। वो प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार पूरा करने जा रही है। लोकसभा और विधानसभाओं में 33 आरक्षण महिलाओं को मिलेगा।
तो निश्चित रुप से हमारे समाज की तस्वीर बदलेगी। हमारे देश को मजबूती मिलेगी। 50 प्रतिशत आरक्षण जब ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों में जब हमारी सरकारों ने राज्यों में दिया है। तो 50 की जगह 55 प्रतिशत महिलाएं चुनकर आ रही हैं। -कृष्णा गौर, बीजेपी विधायक
बीजेपी इसे मोदी का विजन बता रही है तो कांग्रेस भी पीछे नहीं है। कांग्रेस का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का सपना साकार हो रहा है। हालांकि तंज कसते हुए ही सही कांग्रेस भी इसे ऐतिहासिक कदम मान रही है।
राजीव जी का हुआ साकार सपना
राजीव जी का सपना था कि देश की महिलाओं को राजनीतिक रुप से सश्क्त होने के लिए आरक्षण होना चाहिए। और उनके इस सपने के चलते ही उन्होंने पंचायती राज्य में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार दिया और उस 30 प्रतिशत को आगे यूपीए की सरकार ने 50 प्रतिशत किया।
साढ़े नौ साल तक यह बिल पास नहीं हुआ और अब जब मोदी जी को लगा कि देशभर की महिलाएं उनसे नाराज है और उनका साथ नहीं देंगी तो वह बिल लेकर आएं। देर आए दुरस्त आए हम स्वागत करते हैं।-शोभा ओझा, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, महिला कांग्रेस
महिला आरक्षण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस भले ही एक सुर हो.. लेकिन केंद्र के मास्टरस्ट्रोक का एमपी बीजेपी को फायदा होने वाला है। अब देखना होगा.. कि आधी आबादी को साधने के लिए कांग्रेस क्या दांव आजमाती है।
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