कोयंबटूर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत-चीन सीमा पर घटनाक्रमों के बारे में देश को बताना चाहिए, वहीं दोनों पड़ोसी देशों को समस्याओं का समाधान खोजने के लिए बातचीत प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए। लद्दाख में पैंगोंग झील पर चीन द्वारा एक नया पुल बनाने की खबरों को लेकर पूछे गए एक सवाल पर राजा ने यहां कहा कि दोनों देश तनाव कम करने और मौजूदा सीमा मुद्दे को हल करने के लिए रक्षा और मंत्री स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोसी होने के नाते दोनों देशों को बातचीत के जरिये समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए।भाकपा नेता ने कहा कि मोदी ने इससे पहले गलवान घाटी में टकराव पर सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों के साथ उस बैठक में कहा था कि भारत की एक इंच जमीन भी कोई नहीं ले सकता जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
राजा ने कहा कि मोदी अभी इस मुद्दे पर बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन सीमावर्ती इलाकों में वर्तमान घटनाक्रमों को समझाना उनका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी से कोयंबटूर में होने वाली भाकपा की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देश में व्याप्त मुद्दों, राजनीतिक स्थिति और लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा होगी।उन्होंने कहा कि बैठक में सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होने और देश के संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के खिलाफ काम करने वाली फासीवादी मोदी सरकार को हटाने की जरूरत पर भी चर्चा होगी।उन्होंने कहा कि भाजपा आरएसएस की राजनीतिक शाखा के रूप में काम कर रही है और उसके एजेंडे को लागू कर रही है। राजा ने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और फासीवाद विरोधी ताकतों को एकसाथ आने और मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत है, जो एक एक विशेष धर्म, भाषा और जाति के आधार पर एक राष्ट्र स्थापित करने की कोशिश कर रही है। राजा ने आरोप लगाया कि ऐसी भी खबरें आयी हैं कि आरएसएस कोयंबटूर में शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में अपनी ‘शाखाएं’ चला रहा है जिसमें युवाओं को हिंसा में शामिल होने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।