Who is Lalduhoma: आज लालदुहोमा और उनकी पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट समाचार सुर्खियों में है. मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणाम में जनता ने जोरम पीपुल्स मूवमेंट को प्रचंड बहुमत दिया है। जोरम पीपुल्स मूवमेंट ने मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को सत्ता के गलियारे से बाहर कर दिया है।
जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) का राज्य में सरकार बनना तय है। पार्टी के अध्यक्ष लालदुहोमा भी चुनाव जीत चुके हैं।
रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी 74 साल के लालदुहोमा मिजोरम के सेरछिप विधानसभा से चुनाव में खड़े हुए थे। चुनाव में ZPM ने बहुमत (21) के पार 27 सीटों पर जीत की की मुहर लगाई है।
आइए जानते हैं कौन हैं लालदुहोमा, जो मिजोरम के मुख्यमंत्री बनेंगे…
इंदिरा गांधी के थे सिक्यॉरिटी चीफ
लालदुहोमा का जन्म 22 फरवरी 1949 को मिजोरम के खावज्वाल के तुल्पुई गांव में हुआ था। उनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. वे अपने माता-पिता की चौथी संतान हैं.
अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद लालदुहोमा ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा दी और 1977 में आईपीएस बने।
वे मिजोरम के पहले मुख्यमंत्री सी. छुंगा के प्रधान सहायक के रूप में काम कर चुके हैं. यहां काम करने के दरम्यान उन्होंने गौहाटी विश्वविद्यालय से विशिष्ट योग्यता के साथ स्नातक की उपाधि हासिल की.
बतौर पुलिस अधिकारी लालदुहोमा ने तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की। उनकी उपलब्धियां समाचार पत्रों की सुर्खियां बनने लगी थीं। जिसकी वजह से 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना सुरक्षा प्रभारी नियुक्त किया।
पुलिस उपायुक्त के रूप में लालदुहोमा के लिए यह विशेष पदोन्नति थी।
लोकसभा चुनाव में जीत के वाबजूद अयोग्य घोषित
लालदुहोमा के नसीब में सरकारी नौकरी का सुख शायद ज्यादा नहीं था. 1984 में आईपीएस अधिकारी के रूप में काम कर रहे लालदुहोमा ने इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लिया।
कांग्रेस पार्टी से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर 1984 के दिसंबर माह में लालदुहोमा संसद पहुंचे। लेकिन वर्ष 1988 में कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद उन्हें दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया।
आपको जानकर हैरानी होगी कि वे भारत में दलबदल विरोधी कानून से मुक्त होने वाले पहले सांसद भी हैं।
अयोग्य घोषित होने की वजह से उन्हें लोकसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी। इसके बाद लालदुहोमा के अथक प्रयासों के कारण जेडपीएम (ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट) पार्टी अस्तित्व में आई।
बता दें, पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में भी लाल्दुहोमा की पार्टी को चुनाव आयोग से मान्यता नहीं मिलने के बाद भी उनकी पार्टी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री लालथनहलवा को करारी शिकस्त दी थी।
जिसके बाद से ही लाल्दुहोमा राजनीति के गलियारों की सुर्ख़ियों में आ गए।
2019 में ZPM को मान्यता, चला जादू
जेडपीएम ने सामाजिक सरोकारों और सामुदायिक कल्याण के लिए ZPM का गैर-राजनीतिक इकाई के रूप में गठन हुआ था। पार्टी को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा अधिकारिक तौर पर 2019 में पंजीकृत किया गया। इसकी साझेदारी मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के साथ थी.
ZPM को असफलता तब मिली, जब इस एलाएंस की सबसे बड़ी संस्थापक पार्टी मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस 2019 में गठबंधन से बाहर हो गई।
लेकिन 2023 के मिजोरम विधानसभा चुनावों में जेडपीएम ने सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ा। और 25 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर ली है। ऐसे में प्रदेश में जेडपीएम की सरकार बनना तय है।
साथ ही लालडुहोमा को मुख्यमंत्री पद मिलने पर मुहर लग चुकी है।
ये भी पढ़ें
Gold Reached Record High: दिसंबर महीने की शुरुआत में सोने ने दर्ज किया ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड
Relationship Tips: अगर आपका पार्टनर भी है बहुत ज्यादा इमोशनल, तो इन 3 तरीकों से करें उन्हें हैंडल
मध्य प्रदेश BJP ने बुलाई विधायक दल की बैठक, तय हो सकता है CM का नाम
Who is Lalduhoma, विधानसभा चुनाव रिजल्ट 2023, मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023, मिजोरम, लालदुहोमा, Mizoram, Mizoram Election, Mizoram Assembly, Election, ZPM won Election