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गाजियाबाद। (भाषा) गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को एक नोटिस भेजकर उन्हें यहां एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमले से संबंधित मामले की जांच में शामिल होने को कहा है। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मनीष माहेश्वरी को मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए सात दिनों के भीतर यहां लोनी बॉर्डर पुलिस थाने में पेश होने के लिए कहा गया है। इस मामले में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
https://twitter.com/ANINewsUP/status/1405702696233881600
नोटिस में क्या कहा?
गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार को ट्विटर , न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ के अलावा कुछ पत्रकारों और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की। सोशल मीडिया पर साझा वीडियो में बुजुर्ग मुसलमान ने पांच जून को गाजियाबाद के लोनी इलाके में उन्हें पीटने, उनकी दाढ़ी काटने और उन्हें ‘‘जय श्री राम’’ बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने दावा किया कि साम्प्रदायिक अशांति पैदा करने के लिए यह वीडियो साझा किया गया।
ट्विटर कटघरे में क्यों?
FIR में लिखा गया कि गाजियाबाद पुलिस की ओर से स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद आरोपियों ने अपने ट्वीट्स डिलीट नहीं किए, जिसके कारण धार्मिक तनाव बढ़ा। इसके अलावा ट्विटर इंडिया और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से भी उन ट्वीट को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इनके खिलाफ IPC की धारा 153, 153-A, 295-A, 505, 120-B, और 34 के तहत FIR दर्ज की गई है। प्राथमिकी में ट्विटर इंक, ट्विटर कम्यूनिकेशन्स इंडिया, न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’, पत्रकार मोहम्मद जुबेर, राणा अयूब, लेखिका सबा नकवी के अलावा कांग्रेस नेता सलमान निजामी, मश्कूर उस्मानी और शमा मोहम्मद को नामजद किया गया है।
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