Bihar News: बिहार के नवादा में साइबर फ्रॉड करने वालों ने ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब के लिए वैकेंसी खोली। निःसंतान महिलाओं को प्रेग्नेंट करने का युवाओं को ऑफर दिया जाता था। जिसके बदले में युवाओं को 13 लाख इनाम और प्रेग्नेंसी अगर फेल होती है, तो 5 लाख रूपये दिए जाते थे।
पुलिस ने किया 8 लोगों को किया गिरफ्तार
बता दें कि ये कारोबार तूल पकड़ता इससे पहले (Bihar News) नवादा पुलिस ने एजेंसी चलाने वाले गिरोह के 26 सदस्यों में से 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया । बाकी 18 लोग मौका देखकर भाग निकले। पुलिस ने कॉल सेंटर से एक प्रिंटर, 9 मोबाइल भी बरामद किए हैं। पिछले 3 साल से कॉल सेंटर बनाकर लोगों को ठगा जा रहा था। अब तक कितने युवा इस ठगी का शिकार हुए इसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है।
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पुलिस ने छापा मारते हुए राजेश कुमार, शत्रुघ्न कुमार उर्फ सोनू कुमार, प्रभात कुमार वर्मा, लक्ष्मण कुमार, कविंद्र प्रसाद कुमार, गोपाल दास, अनिल कुमार, अजय कुमार को गिरफ्तार किया है। साथ ही इन लोगों के पास से प्रिंटर और 9 मोबाइट बरामद किए हैं।
ठगी करने का ये था तरीका
बिहार (Bihar News) में साइबर थाना नवादा के DSP कल्याण आनंद ने बताते हुए कहा कि साइबर अपराधियों ने गुरमा के पास ईंट से बने बोरिंग घर के पास अपना अड्डा जमा रखा था। एक अच्छा खासा कॉल सेंटर बना रखा था। यहां से जो भी बेरोजगार युवा इनकी नज़र में आ जाता उसे बकायदा कॉल किया जाता और अपनी बातों में फंसाकर उसे ये ऑफर दिया जाता कि अगर आप निःसंतान महिलाओं को प्रेग्नेंट करदेंगे तो आपको इसके बदलें में पैसे दिए जाएंगे।
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साथ ही यह सर्त रखी जाती कि अगर महिलाएं प्रेग्नेंट होकर बच्चों को सुरक्षित जन्म देती हैंस तो आपको 13 लाख रूपए दिए जाएंगे। अगर किसी कारण से डिलेवरी फेल होती है या किसी कारण से बच्चा नहीं जन्मा तो भी आपको 5 लाख रूपए दिए जाएंगे।
ठगी करने की ये थी पूरी प्रकिया
आपको बता दें कि अगर कोई युवा इस काम के लिए तैयार हो जाता था तो उससे रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 799 रूपए लिए जाते और इसके बाद कुछ महिलाओं की तस्वीर भेजी जाती थी। रजिस्टर होने के बाद महिला को करने के बाद फिर से उससे सिक्योरिटी फीस, जीएसटी, सर्विस टैक्स के नाम पर 5 हजार से लेकर 20 हजार रूपए तक ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से कराते। यह सिलसिला पिछले 3 सालों से चला आ रहा था।
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