CG Naxalite Elimination Plan: देशभर में रेश्यो के हिसाब से देखें तो सबसे ज़्यादा मिलिट्री सेंसेटिव इलाका बस्तर को माना जाता है। इस संभाग में हर 9 नागरिकों के पीछे पैरामिलेट्री फोर्स का एक जवान तैनात है। 12 अगस्त 2024 को पब्लिश एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा भी हुआ है। यह खुलासा सिटीजन्स रिपोर्ट ऑन सिक्योरिटी एंड इनसिक्योरिटी के नाम से पब्लिश रिपोर्ट में में हुआ है।
संभाग के 7 ज़िलों में 10 से ज़्यादा पैरामिलेट्री फ़ोर्स (CG Naxalite Elimination Plan) के जवान तैनात हैं। इनमें छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, सीएपीएफ, स्पेशल टास्क फोर्स, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, डीआरजी और बस्तर फाइटर्स शामिल हैं।
250 से ज्यादा कैंप बनाए गए हैं
बस्तर आईजी सुंदरराज पी (CG Naxalite Elimination Plan) ने बताया कि 2019 के बाद सिर्फ 4 साल में सुरक्षा बलों के 250 से ज़्यादा कैंप बनाए गए हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत 58 और कैंप खोले जाने हैं। बस्तर डिवीजन के हर 2 से 7 किलोमीटर की रेंज में सुरक्षा बल का एक कैंप बनाया जा चुका है।
टाइम लाइन की गई तय
नक्सल (CG Naxalite Elimination Plan) मामलों के जानकार मनीष गुप्ता ने बताया कि आबादी का घनत्व कम होने की वजह से ऐसे आंकड़े सामने आए हैं। नक्सलियों के खात्मे के लिए टाइम लाइन तय कर दी गई है। इसलिए न केवल फोर्स बल्कि संसाधन भी जुटाए जा रहे हैं।
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ये फोर्स कर रही नागरिकों की रक्षा
अनुपात के हिसाब से देश भर में सबसे ज्यादा सैन्य संवेदनशील इलाका बस्तर है। डिवीजन में हर 9 नागरिकों के पीछे पैरामिलेट्री फोर्स का एक जवान (CG Naxalite Elimination Plan) तैनात है। 12 अगस्त 2024 को प्रकाशित 80 पन्नों की एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है।
सिटीजन्स रिपोर्ट ऑन सिक्योरिटी एंड इनसिक्योरिटी के नाम से प्रकाशित इस रिपोर्ट का संकलन मानव अधिकार संगठन और सोशल एक्टिविस्ट ने पिछले साल फरवरी से अप्रैल के बीच किया। रिपोर्ट से इस बात का भी खुलासा होता है कि संभाग के 7 जिलों में 10 से अधिक पैरामिलेट्री बलों के जवान तैनात किए गए हैं।
इनमें छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, सीएपीएफ, स्पेशल टास्क फोर्स, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, डीआरजी और बस्तर फाइटर्स शामिल है। ये कैंप 2019 के बाद सिर्फ 4 साल के अंतराल में सुरक्षा बलों के 250 से अधिक कैंप स्थापित हुए हैं।
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