भोपाल। राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम (POLICE COMMISSIONER SYSTEM) लागू हो गया है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घोषणा करते हुए मध्य प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली मुहर लगा दी है।
क्या है कमिश्नर सिस्टम ?
प्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू कर दिया गया है। जिसके बाद अब जिला अधिकारी, एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार पुलिस अधिकारियों को मिल जाएंगे। वहीं पुलिस को होटल, बार लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी होगा। साथ ही धरना प्रदर्श की अनुमति भी पुलिस दे सकेगी। दंगे के दौरान लाठी चार्ज या कितना बल प्रयोग का इसका निर्णय भी सीधे पुलिस को लेना होगा।
इस प्रणाली यह है फायदे
कमिश्नर प्रणाली के कई फायदे हैं। इस प्रणाली के लागू होने के बाद पुलिस कमिश्नर को मजिस्ट्रेट की पॉवर मिलती है। वहीं कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही पुलिस के अधिकार भी बढ़ जाएंगे। इसके साथ ही आकस्मिक स्थिति होने पर अब पुलिस को डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा पुलिस खुद किसी भी स्थिति में फैसला ले सकती है।
कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर ये होंगे पुलिस के पद
पुलिस आयुक्त या कमिश्नर – सीपी
संयुक्त आयुक्त या ज्वॉइंट कमिश्नर –जेसीपी
डिप्टी कमिश्नर – डीसीपी
सहायक आयुक्त- एसीपी
पुलिस इंस्पेक्टर – पीआई
सब-इंस्पेक्टर – एसआई
भोपाल के 32, इंदौर के 34 थाने शामिल
पुलिस कमिश्नर सिस्टम भोपाल के 32 जबकि इंदौर के 34 थाना क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। खास बात ये है कि इसमें देहात के थाने शामिल नहीं होंगे। दोनों शहरों की नगर निगम सीमा में आने वाले थाना क्षेत्रों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगा।