नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि रक्षा क्षेत्र में पहले की तुलना में अब कहीं अधिक पारदर्शिता, विश्वास और प्रौद्योगिकी-चालित रुख है तथा आजादी के बाद पहली बार बड़े सुधार हो रहे हैं। मोदी ने, विजयदशमी के अवसर पर सात नयी रक्षा कम्पनियां राष्ट्र को समर्पित करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान का जिक्र किया और कहा कि देश को खुद के बूते विश्व की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति बनाने का लक्ष्य है। सुधार की एक बड़ी पहल के तहत सात सरकारी रक्षा कंपनियों का सृजन 200 साल से अधिक पुराने आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) को भंग करने के बाद किया गया था।
मोदी ने उल्लेख किया कि लक्ष्य यह होना चाहिए कि ये कंपनियां न सिर्फ अपने उत्पादों में विशेषज्ञता हासिल करे, बल्कि वैश्विक ब्रांड भी बने। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी लागत भारत की मजबूती है, जबकि विश्वसनीयता इसकी पहचान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व ने प्रथम विश्व युद्ध के समय भारत की आर्डनेंस फैक्टरियों की क्षमता देखी थी और वे बेहतर संसाधन तथा विश्वस्तरीय कौशल रखा करते थे, लेकिन आजादी के बाद के युग में कंपनियों ने उनकी अनदेखी की, जिससे विदेशी आपूर्ति पर देश की निर्भरता बढ़ गई।
Dedicating seven new defence companies to the nation. https://t.co/13GpYvGyFm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 15, 2021
प्रधानमंत्री ने वीडियो संबोधन में कहा, ‘‘आजादी के बाद, हमें इन फैक्टरियों को अद्यतन करने, नये युग की प्रौद्योगिकी अपनाने की जरूरत थी। लेकिन इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। समय बीतने के साथ भारत अपनी सामरिक जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर हो गया। ये सात नयी रक्षा कंपनियां इस स्थिति में बदलाव लाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।’’ मोदी ने कहा कि भारत आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है, लंबे से अटकी पड़ी परियोजनाएं पूरी की जा रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आज, देश के रक्षा क्षेत्र में पहले की तुलना में कहीं अधिक पारदर्शिता, विश्वास और प्रौद्योगिकी-चालित रुख है। आजादी के बाद पहली बार हमारे रक्षा क्षेत्र में इतने सारे सुधार हो रहे हैं तथा एकल खिड़की प्रणाली की व्यवस्था की गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये सात रक्षा कंपनियां इस स्थिति को बदलने में एक बड़ी भूमिका निभाएंगी।’’ प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि नयी कंपनियां आयात प्रतिस्थापन में एक अहम भूमिका निभाएंगी। 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का आर्डर बुक इन कंपनियों में बढ़ते विश्वास को प्रदर्शित करता है।
मोदी ने कहा कि ओएफबी के सुधार का फैसला पिछले 15-20 साल से लंबित था, लेकिन अब भारत एक नये भविष्य के निर्माण के लिए नये संकल्प ले रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘21 वीं सदी में किसी देश या किसी कपंनी की संवृद्धि और ब्रांड वैल्यू उसके अनुसंधान और नवोन्मेष द्वारा निर्धारित होती है। सॉफ्टवेयर से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक, भारत की संवृद्धि, भारत की नयी पहचान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं इन सभी सात कंपनियों से एक विशेष अनुरोध करता हूं कि अनुसंधान और नवोन्मेष को आपकी कार्य संस्कृति का हिस्सा होना चाहिए…आपको न सिर्फ दुनिया की बड़ी कंपनियों के समान बनना है बल्कि भविष्य में प्रौद्योगिकी का नेतृत्व भी करना है।’’
मोदी ने कहा कि सरकार ने कंपनियों को पूर्ण क्रियात्मक स्वायत्ता के साथ-साथ बेहतर उत्पादन माहौल दिया है। प्रधानमंत्री ने अनुसंधान करने वाले युवाओं को अधिकतम अवसर देने और उन्हें सोचने की पूरी स्वतंत्रता देने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश के स्टार्ट-अप से भी कहना चाहूंगा कि इन सात कपंनियों के जरिए देश के नये युग का आज आरंभ हो रहा है, आपको भी इसका हिस्सा होना चाहिए। ’’ इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा उद्योग संघों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। पीएमओ के अनुसार, निगमित की गईं सात कम्पनियां-म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (अवनी), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूई इंडिया), ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल), यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल), इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) हैं।