हाइलाइट्स
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उज्जैन में मुहूर्त-पंचांग बताने वाली घड़ी का लोकार्पण।
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1 मार्च को PM मोदी करेंगे वैदिक घड़ी का लोकार्पण।
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मोबाइल फोन पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे घड़ी का ऐप।
Vedic Clock in Ujjain: उज्जैन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 मार्च को वैदिक घड़ी का वर्चुअल लोकार्पण करेंगे। यह दुनिया की पहली ऐसी डिजिटल घड़ी होगी, जो इंडियन स्टैंडर्ड टाइम IST और ग्रीनविच मीन टाइम GMT तो बताएगी ही, इसके साथ ही पंचांग और 30 मुहूर्त की भी जानकारी देगी।
सूर्योदय और सूर्यास्त से लेकर सूर्य और चंद्र ग्रहण कब होगा? इसकी सारी जानकारी बताएगी।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) February 21, 2024
इस घड़ी को उज्जैन में जंतर-मंतर पर 85 फीट ऊंचे टॉवर पर लगाया जाएगा। इस वैदिक घड़ी का एप भी लॉन्च किया जाएगा। एप को मोबाइल में इंस्टॉल कर इसका उपयोग कर सकेंगे।
वैदिक घड़ी की खासियत
मुहूर्त बताने वाली वैदिक घड़ी (Vedic Clock in Ujjain) को लखनऊ की संस्था ‘आरोहण’ के आरोह श्रीवास्तव बना रहे हैं। घड़ी में GMT के 24 घंटों को 30 मुहूर्त में बांटा गया है।
घड़ी में घंटे, मिनट के साथ सेकंड वाली सुई भी रहेगी। सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर यह समय का कैलकुलेशन करेगी। मुहूर्त गणना, पंचांग, मौसम से जुड़ी जानकारी भी इस घड़ी के जरिए मिलेगी।
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आम और डिजिटल घड़ी से अलग
इस घड़ी में वैदिक समय, IST, GMT के साथ भारतीय काल की गणना विक्रम संवत् की जानकारी के साथ विक्रम संवत् पंचांग (भारतीय प्राचीन कैलेंडर) शामिल रहेगा। सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, नक्षत्र, चौघड़िया, भद्रा, चंद्र स्थिति, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी इस घड़ी से मिलेगी।
ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, अमृत काल और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिलेगी। आपको बता दें, कि वैदिक घड़ी में हर घंटे बाद बैकग्राउंड में नई तस्वीर दिखेगी। इसके साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, नवग्रह, राशि चक्र के साथ दूसरे धार्मिक स्थल भी दिखाई देंगे।
इतना ही नहीं देश-दुनिया के खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे भी देखने को मिलेंगे। घड़ी इंटरनेट और ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (GPS) से जुड़ी रहेगी। वैदिक घड़ी से जुड़ा एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा।
जिसमें घड़ी के सभी फीचर रहेंगे। उज्जैन में लगने वाली घड़ी में जो बदलाव होंगे, वो एप में भी शो होंगे। आप इसे मैन्युअल भी ऑपरेट कर सकेंगे। इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर किया जा सकेगा। एप को भी आरोह श्रीवास्तव ही डिजाइन कर रहे हैं। इस घड़ी का नाम ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ होगा।
घड़ी के लिए उज्जैन ही क्यों चुना?
वैदिक घड़ी लगाने के लिए उज्जैन में जीवाजी वेधशाला के पास 85 फीट ऊंचा टावर बनाया गया है। विक्रम शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी के मुताबिक यह घड़ी दुनिया की पहली ऐसी घड़ी होगी, जिसमें भारतीय काल की गणना को दर्शाया जाएगा।
उज्जैन को काल गणना (टाइम कैलकुलेशन) का केंद्र माना जाता रहा है। साथ ही उज्जैन से कर्क रेखा (ट्रॉपिक ऑफ कैंसर) गुजरी है। इसी लिए वैदिक घड़ी के लिए उज्जैन उत्तम जगह है।
2022 में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने रखी थी नींव
इस वैदिक घड़ी की स्थापना कराने के लिए 6 नवंबर 2022 को तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने नींव रखी थी।