नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये भारतीय रिजर्व बैंक की दो अभिनव उपभोक्ता केंद्रित पहलों… खुदरा प्रत्यक्ष योजना और केंद्रीय एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ करते हुए यह बात कही।
मोदी ने बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार के पिछले सात साल के कार्यकाल के दौरान बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की पहचान पारदर्शी तरीके से हो रही है और समाधान और वसूली (रिकवरी) पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने उपभोक्ता केंद्रित इन पहल का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे लोगों के लिए निवेश के रास्ते खुलेंगे और पूंजी बाजार तक उनकी पहुंच आसान और सुरक्षित हो सकेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे छोटे निवेशकों को सीधे सरकारी प्रतिभूतियों के बाजार में निवेश का अवसर मिलेगा।’’ मोदी ने कहा कि निवेश सुगमता, बैंकिंग प्रणाली पर आम आदमी का भरोसा वित्तीय समावेशन और आसान पहुंच की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इससे पहले बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना का उद्देश्य सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की पहुंच बढ़ाना है। इसके तहत खुदरा निवेशकों के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियों में सीधे निवेश करने का रास्ता खुल जायेगा।
पीएमओ ने कहा, ‘‘निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के हवाले से ऑनलाइन सरकारी प्रतिभूति खाते आसानी से खोल सकते हैं और उन प्रतिभूतियों का रखरखाव कर सकते हैं। यह सेवा नि:शुल्क होगी।’’ बयान के मुताबिक, एकीकृत लोकपाल योजना का उद्देश्य शिकायतों को दूर करने वाली प्रणाली में और सुधार लाना है ताकि संस्थाओं के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक नियम बना सके।
पीएमओ के मुताबिक, ‘‘इस योजना की केंद्रीय विषयवस्तु ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ की अवधारणा पर आधारित है। इसके तहत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता होगा, जहां ग्राहक अपनी शिकायतें दायर कर सकते हैं। ग्राहक एक ही स्थान पर अपनी शिकायत दे सकते हैं, दस्तावेज जमा कर सकते हैं, अपनी शिकायतों-दस्तावेजों की स्थिति जान सकते हैं और सुझाव दे सकते हैं।’’