Pariksha Pe Charcha 2025 Live: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 10 फरवरी 2025, को परीक्षा पे चर्चा 2025 कार्यक्रम के तहत देशभर के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत कर रहे हैं। यह कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को दूरदर्शन और पीएमओ के यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया जाएगा।
Let’s help our #ExamWarriors overcome exam stress. Do watch ‘Pariksha Pe Charcha’ at 11 AM tomorrow, 10th February. #PPC2025 pic.twitter.com/7Win0bF8fD
— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2025
खुद पर चीजों को कैसे लागू करें?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में छात्रों को डिप्रेशन से लड़ने और जीवन में सफलता पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि कैसे छात्र अपने माता-पिता और परिवार के साथ बेहतर संवाद स्थापित करके डिप्रेशन से बच सकते हैं। साथ ही, उन्होंने जीवन में असफलताओं से निपटने और खुद को मजबूत बनाने के तरीके भी साझा किए।
डिप्रेशन से बचने का गुरु मंत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अक्सर बच्चे बड़े होने पर अपने माता-पिता से बातें छिपाने लगते हैं, जो डिप्रेशन का कारण बन सकता है। उन्होंने सलाह दी कि छात्रों को अपने माता-पिता और परिवार के साथ लगातार बातचीत करनी चाहिए। अपनी बातें खुलकर शेयर करने से वे कभी भी डिप्रेशन का शिकार नहीं होंगे।
माता-पिता को कैसे समझाएं?
पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों को अपने माता-पिता की बात माननी चाहिए, लेकिन साथ ही उन्हें प्यार से अपनी बात समझानी चाहिए। उन्होंने कहा, “अपने माता-पिता को बताएं कि मेरे पास भी एक आइडिया है। इसके बाद वे आपकी बात पर जरूर ध्यान देंगे।”
असफलता से कैसे निपटें?
प्रधानमंत्री ने छात्रों को समझाया कि जीवन में असफलताएं आती हैं, लेकिन उनसे घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, “स्कूल में कई बच्चे फेल होते हैं, लेकिन वे फिर से कोशिश करते हैं। जिंदगी अटकती नहीं है। आपको तय करना होगा कि आपको जीवन में सफल होना है या सिर्फ किताबों में। असफलताओं को अपना शिक्षक बनाइए।”
खुद से करें प्रतिस्पर्धा
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि वे दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय खुद से प्रतिस्पर्धा करें। उन्होंने कहा, “जो लोग खुद से प्रतिस्पर्धा करते हैं, उनका आत्मविश्वास कभी नहीं टूटता।”
हंसी का महत्व: लाफ्टर थेरेपी
प्रधानमंत्री ने छात्रों को खुश रहने की सलाह दी और कहा कि घर में सभी के साथ लाफ्टर थेरेपी करें। उन्होंने कहा, “छोटी-छोटी जीत पर खुश होना सीखें। टार्गेट ऐसा बनाएं जो पहुंच में हो, लेकिन पकड़ में न हो। अगर आपके 93 अंक आए हैं, लेकिन 95 नहीं, तो भी उस पर गर्व करें।”
माता-पिता और शिक्षकों की जिम्मेदारी
पीएम मोदी ने माता-पिता और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें। उन्होंने कहा, “अगर बच्चा स्ट्रेस में है, तो इसकी जिम्मेदारी परिवार की है। अगर बच्चा आर्टिस्ट बनना चाहता है, लेकिन माता-पिता उसे इंजीनियर बनाना चाहते हैं, तो यह गलत है। बच्चे की रुचि और क्षमता को पहचानें।”
स्किल पर ध्यान दें
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्किल बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “माता-पिता को बच्चों की स्किल पर ध्यान देना चाहिए। हर बच्चा अलग-अलग क्षेत्र में अच्छा होता है। जैसे सचिन तेंदुलकर खेल में अच्छे हैं, पढ़ाई में नहीं।”
हैंडराइटिंग पर पीएम की सलाह
पीएम मोदी ने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा, “मेरी हैंडराइटिंग ठीक करने के लिए मेरे टीचर्स ने बहुत मेहनत की। भले ही मेरी हैंडराइटिंग ठीक न हो पाई, लेकिन मेरे टीचर्स की हैंडराइटिंग ठीक हो गई।”
डिप्रेशन से बचने के लिए संवाद जरूरी
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि वे अपने मन की बातें किसी से छिपाएं नहीं। उन्होंने कहा, “बचपन में हम हर बात माता-पिता को बताते थे, लेकिन बड़े होने पर हम खुद को अलग कर लेते हैं। इससे धीरे-धीरे डिप्रेशन होने लगता है। इससे बचने के लिए घर में सभी से खुलकर बात करें।”
लेखन पर ध्यान दें- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी दूसरे व्यक्ति की गलती सुधारने से पहले उसे उसकी अच्छाई के बारे में बताएं। अगर आप सीधे-सीधे कहेंगी तो उसे आश्चर्य होगा कि आपने मुझे ही क्यों बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उम्र चाहे जो भी हो, व्यक्ति को हमेशा लिखने की आदत बनाए रखनी चाहिए। कवि अपने विचारों को इसी प्रकार संरचित करते हैं। ठीक वैसे ही जैसे शिक्षक परीक्षा से पहले छात्रों के प्रश्न और उत्तर लिख लेते हैं। ऐसे ही। शिक्षक का काम बच्चे की शक्तियों को पहचानना है।
किताबी कीड़ा बनने पर पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि व्यक्ति को किताबी कीड़ा नहीं होना चाहिए, लेकिन ज्ञान अर्जित करने में संकोच भी नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को सदैव कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए।
छात्रों को खुले आसमान की जरूरत है- प्रधानमंत्री मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ थोड़ा आराम भी जरूरी है। इसके लिए माता-पिता को समझाएं कि हम रोबोट की तरह नहीं रह सकते, हम इंसान हैं। हम अपने विकास के लिए अध्ययन करते हैं। शिशु मंदिर में आपने सोचा होगा कि मैं इतनी मेहनत क्यों कर रही हूं। इसीलिए मैं कहता हूं कि अगर आप अपने बच्चों को दीवारों और किताबों में बंद रखेंगे तो आप उन्हें बड़ा होने में मदद नहीं कर पाएंगे। वे खुला आसमान चाहते हैं। तुम्हें अपनी पसंद का काम करना चाहिए.
प्रधानमंत्री को किसानों जैसा खाना खाने की सलाह
पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा में छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी टिप्स देते हुए किसानों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमें किसानों जैसा खाना खाना चाहिए। इसकी व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि किसान सुबह भरपेट खाना खाते हैं। स्वास्थ्य संबंधी सुझाव देते हुए उन्होंने किसानों का भी जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें किसानों जैसा खाना खाना चाहिए। इसकी व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि किसान सुबह भरपेट खाना खाते हैं। फिर हम खेत में जाते हैं, वहां कुछ हल्का-फुल्का खाते हैं और फिर घर आकर सूर्यास्त से पहले खाना खाते हैं।
हमें खुद से लड़ना होगा- पीएम मोदी
पीएम ने आगे कहा कि छात्रों, आपको ये सोचना है कि अगर पिछली बार आपको 30 अंक मिले थे, तो इस बार आपको 35 अंक लाने हैं। मुझे अपने आप से लड़ना होगा. आपको धीरे-धीरे अपना मन शांत करना होगा। आपको अपने लिए एक उदाहरण स्थापित करना होगा।
परीक्षा का तनाव न लें, सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें- पीएम मोदी
केरल की एक छात्रा ने प्रधानमंत्री को बताया कि उसे हिन्दी बहुत पसंद है। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, पहले कोई कविता सुनाइए। छात्र ने पूछा कि अगर हमें परीक्षा में अच्छे अंक नहीं मिले तो हमारा भविष्य अच्छा नहीं होगा। इस पर एक छात्र ने कहा कि जीवन में अंक महत्वपूर्ण नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे समाज में यह बात घर कर गई है कि अगर किसी को स्कूल में कुछ खास अंक नहीं मिले तो उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा।
मैं इस समय अपने माता-पिता को यह बात नहीं समझा सकता। अब आपको इसके लिए खुद को तैयार करना होगा। आपमें से कितने लोग क्रिकेट देखते हैं? कभी वह आउट हो जाते हैं तो कभी छक्के मारते हैं। ऐसी स्थिति में बल्लेबाज अपना पूरा ध्यान दर्शकों पर न रखकर अपनी गेंद पर केंद्रित करता है। आपको ऐसा करने की भी जरुरत नहीं है. आपको दर्शकों से दबाव लेने की जरूरत नहीं है। आपको हर समय खुद को चुनौती देते रहना चाहिए।
छात्रों के लिए पर्याप्त नींद जरूरी – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को बताया कि किसी व्यक्ति को पर्याप्त नींद मिलती है या नहीं, इसका संबंध पोषण से भी है। नींद शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह मायने रखता है कि आपको कितने घंटे सोने की जरूरत है। इसके अलावा पीएम ने कहा कि आपमें से कितने लोगों ने पेड़ के नीचे खड़े होकर गहरी सांस लेने की कोशिश की है? जीवन में प्रगति करने के लिए पोषण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य के संबंध में छात्रों को सलाह
परीक्षा पर चर्चा में पीएम मोदी छात्रों को स्वास्थ्य का ख्याल रखने के टिप्स दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “कितने लोगों ने पानी पीने से पहले उसका स्वाद चखा है?” प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को पानी पीने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वह कैसे खाता है, क्या खाता है और कब खाता है।
क्या है परीक्षा पे चर्चा?
परीक्षा पे चर्चा एक खास कार्यक्रम है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी बोर्ड परीक्षा देने वाले 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों से बातचीत करते हैं। वे परीक्षा के दौरान होने वाले तनाव और डर को दूर करने के लिए टिप्स देते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं। इस साल पीएम मोदी आठवीं बार यह कार्यक्रम कर रहे हैं।
इस बार खास क्या होगा?
इस साल परीक्षा पे चर्चा 2025 में छात्रों के साथ अन्य विशेषज्ञ और मशहूर हस्तियां भी जुड़ेंगी। इससे यह कार्यक्रम और भी खास और रोचक हो जाएगा।
इन खास मेहमानों की होगी मौजूदगी
इस बार परीक्षा पे चर्चा में कई बड़े नाम शामिल होंगे:
- बॉलीवुड हस्तियां: दीपिका पादुकोण, विक्रांत मैसी, भूमि पेडनेकर
- खेल जगत से: महिला बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम, पैरा एथलीट अवनी लेखरा
- आध्यात्मिक गुरु: सद्गुरु
- स्वास्थ्य और पोषण विशेषज्ञ: रुजुता दिवेकर
- माइंड कोच: सोनाली सभरवाल
- व्यवसाय जगत से: वेंचर कैपिटलिस्ट रेवंत हिमात्सिंगका, एचटीसी इंडिया की सीईओ राधिका गुप्ता
- टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट: गौरव चौधरी (टेक गुरु)
Teaser में दिखी झलक
दो दिन पहले परीक्षा पे चर्चा 2025 का टीजर जारी किया गया था। इसमें प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली की सुंदर नर्सरी में छात्रों से मिले और उनसे गणित के सवाल हल करने के तरीके साझा किए। उन्होंने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए बताया कि उनके शिक्षक उनकी हैंडराइटिंग सुधारने की कोशिश करते थे, लेकिन उनकी लिखावट में सुधार नहीं हुआ। इसके बजाय उनके शिक्षकों की लिखावट और सुंदर हो गई। इस दौरान कई छात्रों ने कविताएं सुनाईं और पंजाब, त्रिपुरा, केरल, बिहार, राजस्थान जैसे राज्यों के विद्यार्थी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
कहां देखें लाइव?
परीक्षा पे चर्चा 2025 को लाइव देखने के लिए:
- दूरदर्शन चैनल
- पीएमओ का यूट्यूब चैनल