वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापान के समकक्ष योशिहिदे सुगा ने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और अफगानिस्तान समेत हाल के वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान प्रदान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में होने जा रही क्वाड की पहली प्रत्यक्ष बैठक से पहले मोदी और योशिहिदे ने स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक बृहस्पतिवार को हुई बैठक में दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा उपकरण एवं प्रौद्योगिकी समेत रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। इसमें कहा गया कि बीते कुछ वर्षों में भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने निजी प्रतिबद्धता दिखाने एवं प्रधानमंत्री तथा उससे पहले मुख्य मंत्रिमंडल सचिव के रूप में सुगा के नेतृत्व के लिए उनका आभार जताया।
वक्तव्य में कहा गया, ‘‘दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा की और अफगानिस्तान समेत हालिया वैश्विक एवं क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने स्वतंत्र, खुले एवं समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की।’’
Japan is one of India’s most valued partners. I had an excellent meeting with PM @sugawitter on a variety of subjects that would further boost cooperation between our nations. A strong India-Japan friendship augurs well for the entire planet. pic.twitter.com/5N9ibqWDzy
— Narendra Modi (@narendramodi) September 24, 2021
दोनों प्रधानमंत्री ने भारत-जापान के बीच बढ़ते आर्थिक सरोकार का भी स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके कहा कि जापान भारत के महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री सुगा के साथ विभिन्न विषयों पर शानदार बैठक हुई जिससे हमारे देशों के बीच सहयोग और बढ़ेगा। भारत और जापान के बीच मजबूत मित्रता पूरी दुनिया के लिए शुभ है।’’
दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से ट्वीट किया गया, ‘‘जापान के साथ मित्रता को और आगे बढ़ाया।’’ इसमें आगे कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री सुगा के बीच वाशिंगटन डीसी में एक सार्थक बैठक हुई। दोनों नेताओं ने व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को और गति देने के तरीकों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।’’ विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत, क्षेत्रीय घटनाक्रम, आपूर्ति श्रृंखला, कारोबार, डिजिटल अर्थव्यवस्था और पी2पी संबंध जैसे विविध विषयों पर चर्चा हुई।’’