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Kisan Yojana: PM मोदी ने लॉन्च की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना-दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, किसे मिलेगा लाभ, जानें सबकुछ

Kisan Yojana: पीएम मोदी ने किसानों को 42000 करोड़ की सौगात दी, नई कृषि योजनाओं से किसानों की आय और उत्पादन बढ़ेगा।

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Wasif Khan
Kisan Yojana: PM मोदी ने लॉन्च की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना-दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, किसे मिलेगा लाभ, जानें सबकुछ

हाइलाइट्स

  1. किसानों को मिली 42000 करोड़ की सौगात

  2. पीएम मोदी ने शुरू की दो नई कृषि योजनाएं

  3. दलहन और धन धान्य योजना से बढ़ेगी आय

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Kisan Yojana: किसानों के लिए आज का दिन बेहद अहम है। केंद्र सरकार ने किसानों को दिवाली से पहले बड़ी सौगात दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 11 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित पूसा संस्थान से 42000 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का शुभारंभ किया। इन योजनाओं के जरिए देश के कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा लाने और किसानों की आय को बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है।

https://twitter.com/BansalNews_/status/1976915238395297820

इन योजनाओं में 24,000 करोड़ रुपए की पीएम धन धान्य कृषि योजना और 11,440 करोड़ रुपए के दलहन उत्पादकता मिशन शामिल हैं, जिनकी शुरुआत पीएम ने रिमोट के बटन दबाकर की। इसके साथ ही कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी उद्घाटन और शिलान्यास किया गया।

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क्या है धन धान्य कृषि योजना का उद्देश्य

पीएम धन धान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि क्षेत्र को सशक्त और टिकाऊ बनाना है। इस योजना के तहत खेती की पैदावार बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो। इसके साथ ही, यह योजना किसानों को एक ही फसल पर निर्भरता कम करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिरता बढ़े। टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों को अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। योजना में हर स्तर पर फसल भंडारण की बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान है, ताकि फसल की बर्बादी कम हो। इसके अलावा, बेहतर सिंचाई व्यवस्था के माध्यम से जल संसाधनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, किसानों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकें।

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पीएम धन धान्य कृषि योजना का उद्देश्य 100 आकांक्षी जिलों में किसानों की आय बढ़ाना और कृषि उत्पादकता को मजबूत करना है। इस योजना के तहत फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा और टिकाऊ खेती की प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। साथ ही, फसल भंडारण की सुविधाओं में सुधार, बेहतर सिंचाई व्यवस्था और किसानों के लिए आसान ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, इन जिलों के सभी पात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जाएगी।

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पीएम मोदी ने कहा...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि यह भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जन्म जयंती का दिन है। उन्होंने दोनों को मां भारती के महान सपूत और ग्रामीण भारत की आवाज बताते हुए कहा कि ये दोनों महान व्यक्तित्व किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित थे।

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प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण दिन पर देश की आत्मनिर्भरता और किसानों के कल्याण के लिए दो नई योजनाओं प्रधानमंत्री धन धान्य योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये योजनाएं भारत के करोड़ों किसानों का भाग्य बदलने का काम करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि बदलते समय के साथ खेती-किसानी को सरकार का निरंतर सहयोग मिलना जरूरी है और इसके लिए बीज से लेकर बाजार तक सुधार किए गए हैं। इन सुधारों के परिणामस्वरूप आज भारत दूध उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर है। प्रधानमंत्री ने निरंतर सुधारों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पीएम धन धान्य योजना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

[caption id="attachment_913031" align="alignnone" width="1403"]publive-image पीएम मोदी का संबोधन।[/caption]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के हर क्षेत्र में निरंतर सुधार की आवश्यकता है और पीएम धन धान्य कृषि योजना इसी दृष्टिकोण का परिणाम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी को साथ जोड़कर और सामूहिक प्रयास की भावना के साथ काम करने से बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं। विशेष रूप से जब पिछड़े वर्गों और क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाती है, तो इसके नतीजे सकारात्मक और प्रभावी होते हैं। इसी मॉडल को अपनाते हुए सरकार ने अब कृषि क्षेत्र में 100 पिछड़े जिलों के विकास को लक्ष्य बनाया है। इस उद्देश्य के लिए पीएम धन धान्य योजना के तहत 100 आकांक्षी जिलों का चयन किया गया है, जिन्हें कृषि उत्पादकता, फसल विविधीकरण और किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।

पीएम धन धान्य कृषि योजना के लिए तीन प्रमुख पैरामीटर

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि धन धान्य कृषि योजना के लिए तीन प्रमुख पैरामीटर हैं। पहला, खेतों से कम पैदावार वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाती है। मध्यम फसल तीव्रता वाले क्षेत्रों में फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। औसत से कम लोन वितरण वाले जिलों में किसानों को आसान ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी।

[caption id="" align="alignnone" width="1097"]publive-image किसान।[/caption]

पीएम धन धान्य कृषि योजना के लिए जिम्मेदारी और प्लानिंग

पीएम धन धान्य कृषि योजना के प्रभावी कार्यान्वयन की जिम्मेदारी किसानों के साथ-साथ स्थानीय कर्मचारियों और जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) पर होगी। प्रत्येक जिले की विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर योजना में लचीलापन रखा गया है, ताकि स्थानीय स्तर पर जरूरत के हिसाब से बदलाव किए जा सकें। यह सुनिश्चित करेगा कि योजना का लाभ अधिकतम किसानों तक पहुंचे और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप प्रभावी हो।

योजना के तहत ऐसी कार्ययोजना तैयार की जाएगी जो स्थानीय जलवायु और पर्यावरण के अनुकूल हो। प्रत्येक क्षेत्र की भौगोलिक और कृषि विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग रणनीति अपनाई जाएगी। जहां पारंपरिक खेती संभव नहीं है, वहां पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे वैकल्पिक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि किसानों की आय में वृद्धि और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले।

तुअर, उड़द और मसूर की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर

आज से शुरू हुए दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत भारत अपनी दाल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश होने के बावजूद, दालों की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। 11,440 करोड़ रुपए की इस योजना से तुअर, उड़द और मसूर की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आटा और चावल से भूख तो मिट सकती है, लेकिन पोषण के लिए प्रोटीन जरूरी है और दाल इसका सबसे बड़ा स्रोत है। इस मिशन से देश को दालों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।

[caption id="" align="alignnone" width="1569"]publive-image दलहन।[/caption]

 

किसानों का सशसक्त करने पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने लाल किले से देश के चार स्तंभ बताए थे। उसमें किसान सबसे मजबूत स्तंभ है। बीते 11 वर्षों में सरकार ने खेती के लिए बजट को छह गुना बढ़ाया है, जिसका सबसे अधिक लाभ छोटे किसानों को मिला है। खाद पर दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 13 लाख करोड़ रुपए से अधिक किया गया है। इन सतत प्रयासों से किसानों को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।

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जीएसटी सुधार के गिनाए फायदे

पीएम मोदी ने कहा, जीएसटी के लागू होने से किसानों को उल्लेखनीय लाभ प्राप्त हुआ है, जिसने उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके तहत किसानों के लिए आवश्यक उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, थ्रेशर, कटाई मशीन और फव्वारा सिस्टम पर जीएसटी दरों में कमी की गई है, जिससे ये उपकरण अधिक किफायती हो गए हैं। परिणामस्वरूप, किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरण खरीद रहे हैं, जो उनकी खेती की उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक है। साथ ही, रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं के दाम कम होने से किसान परिवारों को दोहरी बचत का लाभ मिल रहा है। एक तरफ कृषि उपकरण सस्ते हुए हैं, तो दूसरी तरफ दैनिक जरूरतों का सामान भी किफायती हो गया है। इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है और उनकी आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

[caption id="" align="alignnone" width="1280"]publive-image GST 2.0[/caption]

हर हाल में बढ़ाना होगा निर्यात

पीएम मोदी ने कहा कि हमें निर्यात बढ़ाना है और आयात कम करना है। इसमें पीएम धनधान्य योजना और दहलन आत्मनिर्भरता मिशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

अन्य परियोजनाओं का शुभारंभ

प्रधानमंत्री ने 5,450 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जो कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों से जुड़ी हैं। इसके अलावा, 815 करोड़ रुपए की अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी गई। इनमें बेंगलुरु और जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र, अमरेली और बनास में उत्कृष्टता केंद्र, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत असम में आईवीएफ लैब, मेहसाणा, इंदौर और भीलवाड़ा में दूध पाउडर संयंत्र, तेजपुर (असम) में मछली चारा संयंत्र, कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों के लिए बुनियादी ढांचा, और एकीकृत कोल्ड चेन व मूल्यवर्धन अवसंरचना शामिल हैं। ये पहल किसानों और संबंधित क्षेत्रों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

दलहन में आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

कृषि मंत्री ने बताया कि भारत अभी भी दालों में पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं है, जबकि यह विश्व के सबसे बड़े उत्पादकों में शामिल है। इस कमी को दूर करने के लिए ‘दलहन आत्मनिर्भर योजना’ के तहत वर्ष 2030-31 तक भारत को पूर्ण आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए दलहन के क्षेत्रफल को 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा, जबकि उत्पादन को 242 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन तक पहुंचाने की योजना है।

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किसानों को मुफ्त बीज

आईसीएआर (ICAR) की ओर से किसानों के लिए हाइब्रिड दलहन बीज विकसित किए जाएंगे। रबी सीजन से ही किसानों को बीजों की मिनी किट उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज और 88 लाख निशुल्क बीज किट किसानों में बांटेगी। साथ ही 1000 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए 25 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। किसानों को पारंपरिक बीजों के साथ हाइब्रिड बीजों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि उत्पादन में वृद्धि हो सके।

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धन धान्य योजना से बदलेगा कम उत्पादक जिलों का चेहरा

प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत देश के उन जिलों पर फोकस किया जाएगा जहां अब तक उत्पादकता कम रही है। इन जिलों के किसानों की आय और उत्पादन बढ़ाकर उन्हें राष्ट्रीय औसत के स्तर तक लाने की कोशिश की जाएगी। योजना के तहत 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को एक साथ जोड़कर किसानों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि लाभ सीधे खेत तक पहुंचे।

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