पुट्टपर्ती। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज भारत कर्तव्यों को पहली प्राथमिकता बनाकर आगे बढ़ रहा है और इसी का नतीजा है कि देश दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है और वह डिजिटल प्रौद्योगिकी और 5-जी जैसे क्षेत्रों में बड़े-बड़े देशों का मुकाबला कर रहा है।
यहां स्थित प्रशांति निलयम में नवनिर्मित साईं हीरा वैश्विक सम्मेलन केंद्र का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह बात कही।
वैश्विक सम्मेलन
उन्होंने कहा, आजादी के 100 वर्ष के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुए, हमने हमारे ‘अमृतकाल’ को ‘कर्तव्य काल’ का नाम दिया है। हमारे कर्तव्यों में आध्यात्मिक मूल्यों का मार्गदर्शन भी है और भविष्य के संकल्प भी हैं। इसमें विकास भी है और विरासत भी है।
भारत दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्था में
मोदी ने कहा कि आज एक ओर देश में आध्यात्मिक केंद्रों का पुनरुद्धार हो रहा है तो साथ ही भारत अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी में भी लीड कर रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्था में शामिल हो चुका है।
भारत में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम
आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। डिजिटल प्रौद्योगिकी और 5-जी जैसे क्षेत्रों में हम बड़े-बड़े देशों का मुकाबला कर रहे हैं। दुनिया में आज जितने भी रियल टाइम ऑनलाइन लेनदेन हो रहे हैं, उसमें 40 प्रतिशत अकेले भारत में हो रहे हैं।
दुनिया का भारत के प्रति बढ़ा आकर्षण
प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज के हर वर्ग की भागीदारी से आज यह परिवर्तन आ रहा है, इसलिए विश्व भारत के नेतृत्व में भरोसा कर रहा है।भारत की अध्यक्षता में हो रही जी-20 बैठकों और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में योग सत्र के आयोजनों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया में आज भारत के प्रति आकर्षण भी बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति, हमारी विरासत, हमारा अतीत, हमारी धरोहर.. इनके प्रति जिज्ञासा भी लगातार बढ़ती जा रही है। जिज्ञासा ही नहीं, बल्कि आस्था भी बढ़ रही है।’’उद्घाटन समारोह में दुनिया भर के प्रमुख गणमान्य व्यक्ति और श्रद्धालु उपस्थित थे।
प्रशांति निलयम श्री सत्य साईं बाबा का मुख्य आश्रम है। समाजसेवी रयुको हीरा द्वारा प्रदत्त यह केंद्र सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आध्यात्मिकता और वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देने वाले दृष्टिकोण का एक प्रमाण है।