Atal Setu Inauguration:पीएम मोदी ने महाराष्ट्र में अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु का उद्घाटन किया। हजारों करोड़ की लागत से बना अटल सेतु मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ेगा।
#WATCH | The 21.8km long Mumbai Transharbour link (MTHL), now named ‘Atal Bihari Vajpayee Sewri – Nhava Sheva Atal Setu’, built at a total cost of more than Rs 17,840 crore was inaugurated by PM Modi, today
Maharashtra Governor Ramesh Bais, CM Eknath Shinde and Deputy CM… pic.twitter.com/3iM75feiqr
— ANI (@ANI) January 12, 2024
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए यह पुल नई जीवन रेखा बनेगा, वहीं बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में यह भारत के विकास की नई इबारत है। एक अनुमान के मुताबिक पुल से हर रोज करीब 70 हजार लोग सफर करेंगे।
#WATCH | PM Modi inaugurates Atal Bihari Vajpayee Sewari – Nhava Sheva Atal Setu in Maharashtra
Atal Setu is the longest bridge in India and also the longest sea bridge in the country. It will provide faster connectivity to Mumbai International Airport and Navi Mumbai… pic.twitter.com/2GT2OUkVnC
— ANI (@ANI) January 12, 2024
यहां 400 कैमरे लगे हैं, इसके अलावा ट्रैफिक के दबाव की जानकारी जुटाने के लिए एआई आधारित सेंसर लगे हैं।
17,840 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है
ब्रिज के निर्माण में 17849 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। मुंबई से नवी मुंबई पहुंच पाएंगे, इसके लिए सिर्फ 20 मिनट लगेंगे।
अटल सेतु पुल पर फोटो-सेल्फी लेने की होगी मनाही
ब्रिज पर टू व्हिलर और थ्री व्हिलर को चलने की अनुमति नहीं दी गई है। साथ इसपर खड़े होकर फोटो और सेल्फी नहीं ली जा सकेगी।
किसी एक कंपनी ने तैयार नहीं किया
मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (MTHL) को किसी एक कंपनी ने नहीं तैयार किया है। देश के सबसे लंबे समुद्री पुल का निर्माण लार्सन एंड टूब्रो (L&T), आईएचआई इंफ्रास्ट्रक्चर, देवू इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन (Daewoo E&C) और टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड (Tata Projects Limited) ने मिलकर तैयार किया है ।
इन सभी कंपनियों का ज्वाइंट वेंचर मुख्य निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदार था। समुद्री इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर में इनकी एक्सपरटीज का इस्तेमाल किया गया है।
अप्रैल 2018 में शुरू हुआ काम
नवी मुंबई की तरफ का पुल तैयार करने का काम देवू इंजीनियरिंग और टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड कर रहे थे। पुल के सेवरी साइड का कंस्ट्रक्शन और जमीन से जुड़ा काम लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और जापान के आईएचआई इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम्स के एक संघ को सौंपा गया था ।
पुल का नवी मुंबई वाला हिस्सा देवू-टाटा को सौंपा गया था. जमीन पर काम अप्रैल 2018 में शुरू हुआ। इसका शिलान्यास 2016 में हुआ लेकिन इसका निर्माण 2018 में शुरू हुआ था।
इस पुल का 16.5 किलोमीटर का हिस्सा पानी के ऊपर है। जबकि एलिवेटेड रोड 5.5 किलोमीटर लंबा है।