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PM Modi France Visit: PM मोदी ने मैक्रों को दिया चंदन का सितार, जानें PM मोदी ने फ्रांस में क्या-क्या गिफ्ट दिए?

PM Modi France Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन का फ्रांस दौरा खत्म कर सयुंक्त अरब अमीरात (UAE) के लिए निकल गए हैं।

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PM Modi France Visit: PM मोदी ने मैक्रों को दिया चंदन का सितार, जानें PM  मोदी ने फ्रांस में क्या-क्या गिफ्ट दिए?

PM Modi France Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन का फ्रांस दौरा खत्म कर सयुंक्त अरब अमीरात (UAE) के लिए निकल गए हैं। इससे पहले राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनके लिए लूव्र म्यूजियम में डिनर होस्ट किया। इस दौरान टोस्ट रेज करते हुए PM मोदी ने कहा- भारत और फ्रांस मिलकर दोनों देशों की भलाई के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा और शांति में भी अहम योगदान दे रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि कल फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार से मुझे सम्मानित किया गया। यह मेरे और सभी भारतीयों के लिए गर्व और सम्मान का विषय है। पिछले 25 सालों में दुनिया ने काफी उतार-चढ़ाव देखें हैं, इसके बावजूद भारत और फ्रांस की दोस्ती मजबूत बनी रही।

PM मोदी के दौरे पर भारत और फ्रांस के बीच 3 स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन और लड़ाकू विमान के इंजन मिलकर बनाने की डील हुई। इससे पहले PM मोदी ने फ्रांस की नेशनल डे परेड में बतौर चीफ गेस्ट शिरकत की। दोनों देशों की तरफ से जॉइंट स्टेटमेंट भी जारी हुआ

PM मोदी ने मैक्रों को दिया चंदन का सितार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को तोहफे में चंदन की लकड़ी से बना सितार गिफ्ट किया है। मैक्रों के अलावा PM मोदी ने उनकी पत्नी और फ्रांस की प्रधानमंत्री को भी तोहफे दिए हैं। PM ने राष्ट्रपति मैक्रों की पत्नी ब्रिजेट मैक्रों को सैंडलवुड बॉक्स में पोचमपल्ली इकत उपहार में दिया। ये तेलंगाना की पारंपरिक साड़ी होती है, जिस पर डाई करके पागाडु बंधु शैली में जिओमेट्रिकल पैटर्न बना होता है।

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इसके अलावा PM ने फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न को 'मार्बल इनले वर्क टेबल' और फ्रेंच नेशनल असेंबली की अध्यक्ष येल ब्रॉन-पिवेट को हाथ से बुना हुआ सिल्क कश्मीरी कालीन उपहार में दिया।

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अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा मोदी ने मैक्रों की पत्नी ब्रिगिट मैक्रों को चंदन की लकड़ी से बने एक डिब्बे में पोचमपल्ली रेशम इकत भेंट किया है। अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रपति मैक्रों को उपहार में दी गई सितार की प्रतिकृति में ज्ञान, संगीत, कला, वाणी, बुद्धि और विद्या की देवी मानी जाने वाली सरस्वती की तस्वीरें हैं।

इस सितार पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश की आकृति भी बनी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति मैक्रों को उपहार में दिया गया सितार शुद्ध चंदन से बना है। चंदन की नक्काशी की कला दक्षिणी भारत में सदियों से प्रचलित एक उत्कृष्ट और प्राचीन शिल्प है। उन्होंने बताया कि पोचमपल्ली रेशम इकत कपड़ा, जिसकी जड़ें तेलंगाना के पोचमपल्ली शहर में हैं, भारत की समृद्ध कपड़ा विरासत का एक नायाब नमूना है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न को 'मार्बल इनले वर्क टेबल' उपहार में दिया। 'मार्बल इनले वर्क' अर्ध-कीमती पत्थरों का उपयोग करके संगमरमर पर बनाई गई आकर्षक कलाकृतियों में से एक है। यह संगमरमर राजस्थान के मकराना शहर में पाया जाता है।

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इसके अलावा मोदी ने फ्रांस की संसद के अध्यक्ष येल ब्रॉन-पिवेट को हाथ से बुना हुआ 'रेशम कश्मीरी कालीन' उपहार में दिया।

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भारतीय, फ्रांसीसी कारोबारी दिग्गज दोनों देशों के बीच मित्रता को मजबूत करने के लिए काम करें: मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत एवं फ्रांस के कारोबारी दिग्गजों से शुक्रवार को अपील की कि वे दोनों देशों की मित्रता को और आगे बढ़ाने की दिशा में काम करें। मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस सीईओ मंच को संबोधित करते हुए यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के व्यापारिक दिग्गजों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया है।

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उन्होंने भारतीय और फ्रांसीसी नेतृत्व की ओर से उनके प्रयास में पूर्ण समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि आप दोनों देशों की इस महान यात्रा को गति देने और मजबूत करने के लिए काम करें।’’ मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो गए हैं और इस लंबी यात्रा में दोनों देशों के व्यापारिक दिग्गजों ने बड़ी भूमिका निभाई है। मोदी ने सीईओ मंच में अपने भाषण की शुरुआत में कहा, 'हम रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।

इस यात्रा में व्यापार जगत के नेताओं ने बड़ी भूमिका निभाई है।’’ प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के निमंत्रण पर दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां आए हैं।

फ्रांसीसी असेंबली की अध्यक्ष से द्विपक्षीय सहयोग पर हुई  ‘सार्थक चर्चा’ 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्होंने भारत-फ्रांस सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से फ्रांस की नेशनल असेंबली की अध्यक्ष येल ब्राउन पिवेट से विभिन्न विषयों पर ‘‘सार्थक चर्चा’ की। मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के निमंत्रण पर फ्रांस की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर आए थे।

वह फ्रांस की यात्रा संपन्न कर शनिवार को संयुक्त अरब अमीरात की एक दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए। मोदी ने शुक्रवार को पिवेट से उनके आधिकारिक आवास पर दोपहर के भोजन पर मुलाकात की। इस दौरान असेंबली का वरिष्ठ नेतृत्व भी मौजूद था। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘नेशनल असेंबली की अध्यक्ष येल ब्राउन पिवेट और वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की। हमने भारत-फ्रांस सहयोग मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा की।’’

मोदी ने  फ्रांसीसी सीनेट के अध्यक्ष गेरार्ड लार्चर से मुलाकात की और भारत-फ्रांस साझेदारी के आधारभूत लोकाचार का निर्माण करते हुए ‘लोकतंत्र, स्वतंत्रता और समानता’ के साझा मूल्यों के महत्व पर जोर दिया। फ्रांस की संसद में दो सदन हैं जिनमें सीनेट और नेशनल असेंबली शामिल हैं।

भारत, फ्रांस ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संतुलित, स्थिर व्यवस्था बनाने का संकल्प लिया

भारत और फ्रांस ने शुक्रवार को कहा कि वे स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अस्तित्व में विश्वास करते हैं और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए इस रणनीतिक क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक एक संतुलित और स्थिर व्यवस्था कायम करने का संकल्प लेते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद दोनों देशों ने 'भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत रूपरेखा' का मसौदा जारी किया। इस रूपरेखा के मसौदे में कहा गया है कि भारत और फ्रांस रणनीतिक रूप से अहम 'रेजिडेंट पावर' (निवासी शक्तियां) है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी वाले प्रमुख भागीदार हैं।

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'भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत रूपरेखा' को ऐसे समय में जारी किया गया है जब इस रणनीतिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता लगातार बढ़ती जा रही है। दोनों देशों ने 'भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत रूपरेखा' के मसौदे में कहा, ‘‘ हिंद महासागर में भारत-फ्रांस के बीच साझेदारी हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गई है। वर्ष 2018 में, भारत और फ्रांस 'हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस सहयोग के संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण' पर सहमत हुए।

अब हम प्रशांत क्षेत्र में अपने संयुक्त प्रयासों का विस्तार करने के लिए तैयार हैं। ’’ भारत और फ्रांस ने कहा कि वे स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी, सुरक्षित और शांतिपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास करते हैं। दोनों देशों ने इस साझा बयान में कहा, ‘‘ हमारा सहयोग हमारे अपने आर्थिक और सुरक्षा संबंधी हितों की रक्षा करने पर केंद्रित है।

अंतरराष्ट्रीय कानून के शासन को आगे बढ़ाना

इसका लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा वैश्विक और निःशुल्क पहुंच सुनिश्चित करना, इस क्षेत्र में समृद्धि और स्थिरता की साझेदारी बनाना, अंतरराष्ट्रीय कानून के शासन को आगे बढ़ाना, क्षेत्र में और उससे परे अन्य लोगों के साथ काम करते हुए, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए क्षेत्र में एक संतुलित और स्थिर व्यवस्था का निर्माण करना है। ’’

भारत-फ्रांस के साझा बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी का 'सागर' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) का दृष्टिकोण और राष्ट्रपति मैक्रों का फ्रांस की हिंद-प्रशांत रणनीति में उल्लिखित सुरक्षा और सहयोग का दृष्टिकोण बहुत हद तक मेल खाता है। दोनों देशों ने कहा, ‘‘ हमारा सहयोग व्यापक है और इसमें रक्षा, सुरक्षा, आर्थिक, कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा, स्थिरता और मानव-केंद्रित विकास शामिल है।

हमारा द्विपक्षीय सहयोग हमारी पारस्परिक सुरक्षा को आगे बढ़ाता है तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता का समर्थन करता है। हमारा सहयोग समुद्र तल से लेकर अंतरिक्ष तक फैला हुआ है। हम अपने आदान-प्रदान को गहरा करना जारी रखेंगे, स्थितिजन्य जागरूकता पर सहयोग करेंगे, पूरे क्षेत्र में समुद्री सहयोग को बढ़ाऐंगे।’’ दोनों देशों ने अपने नौसैनिक सहयोग को बढ़ाने और भारत में रक्षा औद्योगिक क्षमताओं को विकसित करने तथा संयुक्त रूप से अन्य देशों की जरूरतों का समर्थन करने का भी संकल्प लिया।

भारत और फ्रांस ने इस बात पर जोर दिया कि वे अफ्रीका, हिंद महासागर क्षेत्र, दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों में विकास के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।

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