रोम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से यहां शुक्रवार को मुलाकात की और व्यापार तथा निवेश संबंधों, जलवायु परिवर्तन, कोरोना वायरस महामारी, वैश्विक तथा क्षेत्रीय घटनाक्रम पर व्यापक चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी की जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां पहुंचने के बाद यह पहली आधिकारिक बैठक है। शिखर सम्मेलन में वह कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य क्षेत्र को पटरी पर लाने, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर अन्य नेताओं के साथ चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन के साथ सार्थक बातचीत के साथ रोम में आधिकारिक कार्यक्रम शुरू हुए। नेताओं ने पृथ्वी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आर्थिक और लोगों के बीच परस्पर रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।’’ उनकी बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि उन्होंने कई मुद्दों पर ‘‘व्यापक चर्चा’’ की।
उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन से मुलाकात की। व्यापार और निवेश संबंधों, जलवायु परिवर्तन, कोविड-19, वैश्विक तथा क्षेत्रीय घटनाक्रम पर व्यापक चर्चा की गयी।’’ बैठक के बाद यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष लेयेन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से ‘‘मिलकर अच्छा लगा’’।
Wonderful meeting with @EU_Commission President @vonderleyen and @eucopresident Charles Michel. We had wide-ranging talks on deepening the India-EU friendship, particularly in areas such as trade, commerce, culture and the environment. pic.twitter.com/q1c0P6Uf7Y
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके अच्छा लगा। हमारा सामरिक एजेंडा सही मार्ग पर है। हम इस पर राजी हो गए कि हमारे व्यापार वार्ताकार काम करना शुरू करेंगे। हम नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी समेत जलवायु पर अपना सहयोग मजबूत करेंगे। हिंद-प्रशांत में सहयोग के लिए उत्साहित हैं।’’ पंद्रहवीं भारत-यूरोपीय संघ शिखर वार्ता डिजिटल तरीके से जुलाई 2020 में हुई थी और इसमें प्रधानमंत्री मोदी, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष लेयेन ने भाग लिया था। साल 2020 में भारत यूरोपीय संघ का 10वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।
भारत-यूरोपीय संघ के बीच वस्तु में द्विपक्षीय व्यापार 2020 में 65.30 अरब यूरो था। भारत-यूरोपीय संघ के बीच द्विपक्षीय रिश्ते 1960 की शुरुआत से ही चले आ रहे हैं। भारत 1962 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था। भारत-यूरोपीय संघ के बीच पहली शिखर वार्ता लिस्बन में 28 जून 2000 को हुई थी और यह दोनों के बीच संबंधों के विकास में ऐतिहासिक घटना रही। दोनों के बीच संबंध द हेग में 2004 में हुए पांचवें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के दौरान ‘‘सामरिक साझेदारी’’ तक पहुंच गए। यूरोपीय संघ एक राजनीतिक और आर्थिक समूह है, जिसके 27 सदस्यीय देश मुख्यत: यूरोप के हैं।