Jairam Ramesh Apology: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई 35 मिनट की टेलीफोनिक बातचीत अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन गई है। इस बातचीत को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक बयान दिया जो विवाद का कारण बन गया। उन्होंने व्हाइट हाउस का एक पुराना रीडआउट दिखाया और दावा किया कि ट्रंप और भारत सरकार के बयानों में बड़ा फर्क है।
I never claimed to be non-biological. An inadvertent error was made and immediately rectified. Here is my rectified statement.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 18, 2025
हालांकि, जल्दी ही भाजपा ने खुलासा किया कि जो रीडआउट जयराम रमेश दिखा रहे हैं, वह जनवरी 2025 का है और वर्तमान कॉल से जुड़ा कोई आधिकारिक अमेरिकी बयान अब तक सामने नहीं आया है। इसके बाद जयराम रमेश को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली। जयराम रमेश ने कहा मैं नॉन-बायोलॉजिकल नहीं हूं। मुझसे गलती हुई और मैंने तुरंत सुधारा। कृपया मेरे बयान का सही अर्थ समझा जाए।
BJP ने घेरा, कांग्रेस ने पलटी मारी?
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस नेता ने लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की। उन्होंने पुरानी जानकारी को नए संदर्भ में पेश किया और इससे अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को नुकसान पहुंचा सकता था।
जयराम रमेश के आरोप और सवाल
रमेश ने कहा कि पीएम मोदी ने 37 दिनों तक डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावे पर चुप्पी साधे रखी। उन्होंने कहा कि ये कूटनीतिक स्तर पर ट्रिपल झटका है:
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असीम मुनीर को व्हाइट हाउस में डिनर के लिए बुलाया गया, जो पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े बयान दे चुके हैं।
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US सेंट्रल कमांड चीफ ने पाकिस्तान को ‘अभूतपूर्व सहयोगी’ कहा।
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ट्रंप ने 14 बार भारत-पाक युद्ध रोकने का दावा किया, लेकिन भारत सरकार ने कुछ नहीं कहा।
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