रायपुर। PM Modi Bastar visit: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेता लगातार दौरे कर रहे हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी तीन दिन में दूसरी बार छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे।
बता दें 30 सिंतबर को बिलासपुर दौरे के बाद अब पीएम मोदी 3 अक्टूबर को बस्तर के दौरे पर आ रहे हैं। जहां वह नगरनार संयंत्र का उद्घाटन करेगें।
बस्तर बंद का आव्हान
इधर पीएम के दौरे से पहले ही सर्व आदिवासी समाज ने 3 अक्टूबर को बस्तर बंद का आव्हान कर दिया है। सर्व आदिवासी समाज नगरनार संयंत्र को निजी हाथों में देने का विरोध कर रहा है। जिसे लेकर प्रदेश में एक बार फिर सियासत तेज होती जा रही है।
सीएम ने बीजेपी पर बोला हमला
सीएम भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नगरनार की जमीन किसानों, आदिवासियों की जमीन है। उस समय जिन लोगों से जमीन ली गई, ना तो उनको मुआवजा दिया गया, ना उनका पुनर्वास किया गया और ना नौकरी दी गई।
उन्होने आगें कहा कि हम लोगों ने इसे खरीदने के लिए प्रस्ताव पारित किया था। जिसमें ऐसे नियम लाए गए कि हम भाग ही ना ले सके।
रमन सिंह ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा था कि इसे निजी हाथों में ना दिया जाए। विधानसभा में भी बीजेपी विधायकों ने समर्थन दिया था। मोदी जी आ रहे हैं तो इनको नगरनार संयंत्र को लेकर अपनी बात रखनी चाहिए।
नगरनार संयंत्र पर सियासत तेज
प्रदेश में चुनाव नजदीक होने की वजह से लगातार मुद्दे उछाले जा रहे है। एक बार फिर बस्तर से जुड़ा मुद्दा सियासत को गर्म करता जा रहा है।
3 अक्टूबर को पीएम मोदी बस्तर दौरे पर पहुंचेंगे। लेकिन उससे पहले ही सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर बंद का आव्हान कर दिया।
नगरनार संयंत्र को निजी हाथों में देने का आदिवासी विरोध कर रहे है। जिसका कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। नगरनार संयंत्र को निजी हाथों में दिए जाने के विरोध में बस्तर बंद को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
बीजेपी ने किया पलटवार
सीएम भूपेश बघेल के बयान ‘ केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर निजीकरण खत्म करने’ पर सांसद सुनील सोनी का कहा, ‘’अडानी अंबानी को मनमोहन सिंह ने बढ़ाया। अडानी से छत्तीसगढ़ और राजस्थान का समझौता कौन करवाया, सोनिया गांधी और सीएम भूपेश बघेल ने कूद कूदकर समझौता करवाया। राहुल गांधी संसद में दूसरी बात करते है और छत्तीसगढ़ में कुछ और, ऊपर से नीचे तक भ्रम फैलाने वाले कांग्रेस के लोग हैं।‘’
एक तरफ जहां नगरनार संयंत्र का मुद्दा लगातार उठ रहा है, तो दूसरी ओर बस्तर को साधने की कोशिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हुए नजर आएंगे। लेकिन इन सबके बीच आदिवासी समाज के बस्तर बंद का आव्हान पीएम मोदी की सभा में कितना प्रभाव डालेगी यह तो सभा के बाद ही स्पष्ट होगा।
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