नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की लागत कम करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है। मोदी ने योजना के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी, कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाना और कार्यान्वयन को तेज करना है। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को अधिक शक्ति और गति देना है, और विभिन्न मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाओं का एक समान दृष्टि से निर्माण किया जाएगा तथा उनका कार्यान्वयन किया जाएगा।
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत को गतिशक्ति देगा। गतिशक्ति महाअभियान के केंद्र में भारत के लोग, भारत की इंडस्ट्री, भारत का व्यापार जगत, भारत के मैन्यूफैक्चरर्स और भारत के किसान हैं। pic.twitter.com/vM2lvdZF8Z
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2021
मोदी ने आरोप लगाया कि पूर्व में विकास कार्यों में सुस्ती के साथ करदाताओं के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया जाता था और विभाग अलग-अलग काम करते थे, परियोजनाओं को लेकर उनमें कोई समन्वय नहीं था। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के बिना विकास संभव नहीं है और सरकार ने अब इसे समग्र रूप से विकसित करने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गतिशक्ति मास्टर प्लान सड़क से लेकर रेलवे, उड्डयन से लेकर कृषि तक परियोजनाओं के समन्वित विकास के लिए विभिन्न विभागों को आपस में जोड़ता है। उन्होंने कहा कि देश में लॉजिस्टिक्स, की ऊंची लागत जो जीडीपी का 13 प्रतिशत हिस्सा है, निर्यात में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर रही है और पीएम गति शक्ति का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की लागत कम करना और कार्यान्वयन को तेज करना है।
In the last few years, we have seen a record rise in the number of:
Mega food parks.
Fishing clusters.
Fishing harbours.
Likewise, India is getting two defence corridors, manufacturing clusters and more.
This will boost economic activity. pic.twitter.com/suGsInxfw2
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2021
उन्होंने कहा कि यह भारत को एक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के तहत भारत जिस गति और पैमाने को देख रहा है, वह आजादी के पिछले 70 वर्षों में कभी नहीं देखा गया था। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहली अंतर-राज्यीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 1987 में चालू की गयी थी। तब से 2014 तक, 15,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का निर्माण किया गया था। इस समय 16,000 किलोमीटर से अधिक नयी गैस पाइपलाइन का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ’27 साल में जो किया गया, हम वह काम उससे आधे से भी कम समय में कर रहे हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले के पांच साल में 1,900 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण किया गया था, जबकि पिछले सात वर्षों में 9,000 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण हुआ है।
A few glimpses of the ground we have covered since 2014 in diverse sectors such as railways, roads, optical fibre network and more… pic.twitter.com/i539OJpsHA
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2021
उन्होंने कहा कि 2015 में 250 किलोमीटर मेट्रो से अब मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार 700 किलोमीटर तक हो गया है तथा और 1,000 किलोमीटर पर काम चल रहा है। मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क से जोड़ा गया है जबकि 2014 से पहले के पांच वर्षों में केवल 60 ग्राम पंचायतों में यह सुविधा थी। उन्होंने कहा कि बंदरगाहों पर पोत संबंधी कार्यान्वयन के समय को 41 घंटे से घटाकर 27 घंटे कर दिया गया है तथा इसे और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले पांच वर्षों में तीन लाख सर्किट किमी बिजली ट्रांसमिशन लाइन डाली गयी थीं जिसके मुकाबले पिछले सात वर्षों में 4.25 लाख सर्किट किमी लाइन बिछायी गयी है। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के मामले में भी काफी विस्तार हुआ है।
We always heard – Work in Progress. This became synonymous with red-tapism, delays and ineffective governance.
Now is the time for:
Will for progress.
Work for progress.
Wealth for progress.
Plan for progress.
Preference for progress. pic.twitter.com/DE62yoZGqd
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2021