PM Fasal Bima Yojana: देश के करोड़ों किसानों के लिए एक राहत की खबर है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) 2025 के अंतर्गत अब खरीफ और रबी सीजन की महत्वपूर्ण फसलों के साथ-साथ कई वार्षिक और व्यावसायिक फसलें भी बीमा सुरक्षा के दायरे में शामिल कर दी गई हैं। किसानों को प्राकृतिक आपदा, सूखा, बाढ़, कीट प्रकोप और बीमारी से हुए फसल नुकसान की भरपाई अब आसान तरीके से मिलने लगेगी।
कम प्रीमियम में बड़ा सुरक्षा कवच
इस योजना (PM Fasal Bima Yojana) के तहत किसानों को बेहद कम प्रीमियम पर फसल बीमा उपलब्ध होता है, जिससे वे फसल बर्बादी की स्थिति में आर्थिक संकट से उबर सकें। खास बात यह है कि योजना में फसलों की सूची राज्य और मौसम के अनुसार तय की जाती है ताकि किसान की ज़रूरत के मुताबिक सुरक्षा मिले।
किसानों की आय होगी सुरक्षित
PMFBY का उद्देश्य किसानों की आय को स्थिर बनाना और खेती को जोखिममुक्त करना है। जब किसान प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल गंवा देता है, तो यह योजना उसे दोबारा खेती के लिए आत्मनिर्भर बनाती है। साथ ही किसानों को कर्ज के जाल में फंसने से भी बचाती है।
खरीफ और रबी दोनों सीजन की फसलें योजना में शामिल
खरीफ सीजन (जून से अक्टूबर) में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें जैसे धान, मक्का, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली, उड़द और कपास योजना में शामिल हैं। वहीं रबी सीजन (अक्टूबर से मार्च) के अंतर्गत गेहूं, चना, जौ, मसूर और सरसों जैसे फसलों को बीमा कवर मिलता है।
कवर में वार्षिक और व्यापारिक फसलें
PMFBY (PM Fasal Bima Yojana) अब केवल मुख्य खाद्य फसलों तक सीमित नहीं है। गन्ना, कपास, आलू, प्याज, केला और आम जैसी व्यवसायिक और वार्षिक फसलें भी अब कई राज्यों में इस योजना के तहत कवर की जा रही हैं। इससे छोटे और मध्यम स्तर के किसानों को भी काफी राहत मिल रही है जो नकदी फसलों पर निर्भर रहते हैं।
राज्यवार फसल सूची से मिलेगा सटीक लाभ
भारत जैसे विविध कृषि जलवायु वाले देश में हर राज्य की कृषि प्रणाली और मिट्टी अलग होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए योजना में राज्यवार फसल सूची जारी की जाती है।
जैसे:
- पंजाब और हरियाणा में गेहूं, धान और गन्ना
- मध्यप्रदेश और राजस्थान में चना, गेहूं और सोयाबीन
- उत्तरप्रदेश में गन्ना, धान, गेहूं और आलू
- महाराष्ट्र में कपास और बाजरा
- तमिलनाडु और केरल में धान, नारियल और केले जैसे फसलें योजना में शामिल की गई हैं।
किन फसलों को योजना से बाहर रखा गया है?
हालांकि, सभी फसलें बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) में नहीं आतीं। बागवानी के तहत फूल, सजावटी पौधे या अनुसंधान के लिए उगाई गई फसलें योजना से बाहर रहती हैं। इसके अलावा अवैध फसलें या देर से पंजीकरण करने वाले किसान इस लाभ से वंचित हो सकते हैं।
पोर्टल पर मिलती है अधिसूचना, रखें जानकारी अपडेट
PMFBY से जुड़े नियमों, फसल सूची और पंजीकरण की समयसीमा को लेकर राज्य सरकारें समय-समय पर अधिसूचना जारी करती हैं, जिसे pmfby.gov.in पोर्टल पर देखा जा सकता है। किसानों को चाहिए कि वे हर सीजन की शुरुआत में पोर्टल या कृषि विभाग की अधिसूचना चेक करें ताकि वे समय रहते पंजीकरण करवा सकें और अपने फसल की सुरक्षा तय कर सकें।
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यह रिपोर्ट किसानों के लिए केवल जानकारी नहीं, सुरक्षा का संदेश है
भारत के गांवों में आज भी फसल नुकसान से आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आती हैं। PMFBY जैसी योजनाएं केवल बीमा कवर नहीं, बल्कि किसानों की उम्मीदों और आत्मनिर्भरता का आधार बनती जा रही हैं। ज़रूरत है इसे सही समय पर अपनाने और जानकारी को जागरूकता में बदलने की।
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