Electric Vehicle Subsidy: केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने गुरुवार को ऐलान किया है कि पीएम ई-ड्राइव योजना (PM E-Drive Scheme) के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया और तन पहिया वाहनों पर सब्सिडी दी जाएगी।
इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बैटरी पावर के आधार पर सब्सिडी दी जाएगी। इससे लोगों की मद्द होगी और देश के लोग और अधिक तेजी के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle Subsidy) की तरफ बढ़ेंगे। आइए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं।
पहले साल दी जाएगी इतनी सब्सिडी
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए बैटरी की पावर के आधार पर 5,000 रुपए प्रति किलोवाट के हिसाब से सब्सिडी दी जाएगी, लेकिन पहले साल में कुल सब्सिडी 10,000 रुपये से ज्यादा नहीं होगी।
दूसरे साल मिलेगी इतनी सब्सिडी
दूसरे साल में यह सब्सिडी घटकर 2,500 रुपए प्रति किलोवाट कर दी जाएगी। इसी के साथ कुल सब्सिडी 5,000 रुपए से अधिक नहीं होगी। यह योजना दो साल तक चलेगी।
ई-रिक्शा और तीन पहिया वाहनो पर सब्सिडी
आपको बता दें कि ई-रिक्शा और तिपहिया वाहनों के लिए पहले साल में 25,000 रुपए की सब्सिडी (PM electric vehicle subsidy) मिलेगी, जो दूसरे वर्ष में घटकर 12,500 रुपये प्रति वाहन कर दी जाएगी।
इसी के साथ एल 5 श्रेणी में आने वाले तिपहिया वाहनों (जो माल ढुलाई में इस्तेमाल होते हैं) के लिए पहले वर्ष में 50,000 रुपये की सब्सिडी (PM E-Drive Scheme) दी जाएगी, जो दूसरे वर्ष में घटकर 25,000 रुपये रह जाएगी। आपको बता दें कि यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और भारत में स्वच्छ परिवहन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जल्द शुरू की जाएगी।
ऐसे मिलेगी सब्सिडी (Electric Vehicle Subsidy)
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत लाभ लेने के लिए आपको ये बताए गए कदम उठाने होंगे।
ई-वाउचर जारी: पीएम ई-ड्राइव पोर्टल के माध्यम से एक आधार प्रमाणित ई-वाउचर जारी किया जाएगा।
साइन अपलोड: खरीदार और डीलर को इस ई-वाउचर पर विधिवत साइन करने होंगे। इसके बाद, इसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
सेल्फी अपलोड: योजना के तहत प्रोत्साहन का लाभ प्राप्त करने के लिए खरीदार को पोर्टल पर एक सेल्फी अपलोड करनी होगी।
इस बताई गई प्रक्रिया के माध्यम से योजना के लाभार्थियों की पहचान और सत्यापन सुनिश्चित किया जाएगा।
सचिव ने दी जानकारी (Electric Vehicle Subsidy)
भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी ने कहा कि पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकने के लिए हर 6 महीनों में उत्पादन का परीक्षण किया जाएगा। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि सभी चीजें सही तरीके से चल रही हैं और योजना के नियमों का पालन किया जा रहा है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन ई-वाहन निर्माताओं को पीएम ई-ड्राइव से वंचित किया जाएगा जिन्होंने फेम-2 मानदंडों का उल्लंघन किया था, तो केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने जवाब दिया कि इस बारे में निर्णय लिया जाएगा कि उन्हें कैसे प्रोत्साहित किया जाए।
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