Advertisment

Azadi ka Amrit Mahotsav ceremony: राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति, आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें सबका प्रयास शामिल : पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारे और राष्ट्र के सपने अलग नहीं है। हमारी नीति और राष्ट्रीय सफलताएं अलग नहीं हैं। राष्ट की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है।

author-image
Bansal news
Azadi ka Amrit Mahotsav ceremony: राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति, आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें सबका प्रयास शामिल : पीएम

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारे और राष्ट्र के सपने अलग नहीं है। हमारी नीति और राष्ट्रीय सफलताएं अलग नहीं हैं। राष्ट की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है।

Advertisment

नया भारत कैसा होगा और कितना सामर्थ्यशाली होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ​कहा कि आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जिसमें भेदभाव की कोई जगह ना हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मज़बूती से खड़ा हो। हम एक ऐसे भारत को उभरते हुए देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं। हाल के आंकड़ों से पता चला है कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की सफलता के सालों बाद देश में स्त्री और पुरुष का अनुपात भी बढ़िया हुआ है। यह बदलाव इस बात का स्पष्ट संकेत है कि नया भारत कैसा होगा और कितना सामर्थ्यशाली होगा।

ये 25 वर्ष का कालखंड उसे दोबारा हासिल करने का है।

अमृतकाल का यह समय सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड उसे दोबारा हासिल करने का है।

अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि ना रखना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ​कहा हमें यह मानना होगा कि आज़ादी के बाद के 75 सालों में हमारे समाज में, हमारे राष्ट्र में, एक बुराई सबके भीतर घर कर गई है। यह बुराई है, अपने कर्तव्यों से विमुख होना, अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि ना रखना।

Advertisment

आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें ‘सबका प्रयास’ शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ​कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’, कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है। इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं। राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है, और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है। ये भाव, ये बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है। आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें ‘सबका प्रयास’ शामिल है।

इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ​कहा कि आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता औऱ सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो, हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं। कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी।

व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ​कहा कि कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं। और अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं। दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहाँ गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियाँ समाज को ज्ञान देती थीं। हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है, अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है, और साथ ही, टेक्नोलॉजी, इनफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है।

Advertisment

25 वर्ष का कालखंड, उसे दोबारा प्राप्त करने का है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ​कहा कि अमृतकाल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड, उसे दोबारा प्राप्त करने का है।

बहुत बड़ी भूमिका निभाई

बीते 75 वर्षों में हमने सिर्फ अधिकारों की बात की, अधिकारों के लिए झगड़े, जूझे, समय खपाते रहे।अधिकार की बात, कुछ हद तक, कुछ समय के लिए, किसी एक परिस्थिति में सही हो सकती है लेकिन अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाना, इस बात ने भारत को कमजोर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।

ये भी हम सबका कर्त्तव्य

हमें ये भी मानना होगा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों में, हमारे समाज में, हमारे राष्ट्र में, एक बुराई सबके भीतर घर कर गई है। ये बुराई है, अपने कर्तव्यों से विमुख होना, अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि ना रखना। हम सभी को, देश के हर नागरिक के हृदय में एक दीया जलाना है- कर्तव्य का दीया। हम सभी मिलकर, देश को कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ाएंगे, तो समाज में व्याप्त बुराइयां भी दूर होंगी और देश नई ऊंचाई पर भी पहुंचेगा। ऐसी संस्थाएं जिनकी एक अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति है, वो दूसरे देशों के लोगों तक भारत की सही बात को पहुंचाएं, भारत के बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उनकी सच्चाई वहां के लोगों को बताएं, उन्हें जागरूक करें, ये भी हम सबका कर्त्तव्य है।

Advertisment

ये राजनीति नहीं है, ये हमारे देश का सवाल है।

जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो ये भी हमारा दायित्व है कि दुनिया भारत को सही रूप में जाने आप सभी इस बात के साक्षी रहे हैं कि भारत की छवि को धूमिल करने के लिए किस तरह अलग-अलग प्रयास चलते रहते हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत कुछ चलता रहता है। इससे हम ये कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि ये सिर्फ राजनीति है। ये राजनीति नहीं है, ये हमारे देश का सवाल है।

News pm narendra modi national national news नरेंद्र मोदी national news hindi PM Modi news in hindi brahma kumaris Azadi ka Amrit Mahotsav ceremony brahma kumaris founder आजादी के अमृत महोत्सव
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें