Piyush Jain Raid: पीयूष जैन, आजकल यह नाम मीडिया की सुर्खियों में है। हर दिन पीयूष जैन से जुड़ी कोई न कोई कहानी सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जैन के घर से अब तक 257 करोड़ रूपये कैश, 125 किलो सोना और अरबों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। अब भी जीएसटी विजिलेंस की टीम जैन के अलग-अलग ठिकानों की जांच कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पीयूष जैन के बारे में जीएसटी इंटेलिजेंस (GST Intelligence) को जानकारी किसने दी? क्या अधिकारियों को पहले से पता था कि पीयूष जैन करोड़ों की संपत्ति दबाए बैठा है? ऐसे तमाम सवाल हैं जिनके बारे में लोग जानना चाहते हैं। तो चलिए जानते हैं कि कैसे पीयूष जैन ‘डायरेक्ट्रेड जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस’ के रडार पर आया।
काफी लो प्रोफाइल जिंदगी जीता था
रिपोर्ट्स के अनुसार पीयूष जैन (Piyush Jain) काफी लो प्रोफाइल जिंदगी जीता था। स्कूटर से चलता था और घर में केवल एक हैचबैक कार थी। कोई भी व्यक्ति जो ऐसी जींदगी जी रहा हो उसे देखकर एक नजर में किसी को भी शक नहीं होगा कि वो करोड़ों रूपए की संपत्ति को दवाए बैठा है। शुरुआत में जीएसटी इंटेलिजेंस के अधिकारियों को भी इस संपत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
नोटों के ढेर पर खड़ा था पूरा साम्राज्य
अधिकारियों को इस संपत्ति के बारे में परत दर परत जानकारी मिली। पहले उन्होंने एक छोटी सी कार्रवाई की थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें पता चल गया कि वे जिसे चिट्टी समझ रहे हैं वो असल में एक हाथी है, जिसने पूरे साम्राज्य को नोटों के ढेर पर खड़ा कर रखा है। जीएसटी इंटेलिजेंस की एक छोटी सी कार्रवाई ने पीयूष जैन के काले कमाई के साम्राज्य को पूरी दुनिया के सामने ला कर रख दिया।
कहां से शुरू हई कार्रवाई
दरअसल, शुरूआत में DGGI ने 4 ट्रकों में भरे तंबाकू और पान मसाले का GST न देने के मामले में ये कार्रवाई शुरू की थी। ये ट्रक गणपति रोड कॅरियर के थे और इसी के जरिए अधिकारी सबसे पहले शिखर पान मसाले की फैक्ट्री तक पहुचे। यहां पर अधिकारियों को अहसास हो गया कि ये कार्रवाई बड़ी होने वाली है क्योंकि फैक्ट्री में गणपति रोड कॅरियर के नाम से उन्हें 200 से ज्यादा फर्जी इनवाइस मिलीं। हालांकि तब भी उन्हें लगा था कि यह मामला चंद करोड़ों का ही होगा।
कार्रवाई में यहां हुई पीयूष जैन की एंट्री
मामला यहीं सुलझता नजर आया। क्योंकि GST की कार्रवाई के दौरान शिखर गुटखे के निर्माताओं ने माना कि हां उन पर टैक्स बकाया है और उन्होंने 3.09 करोड़ रूपये जमा करवा दिए। लेकिन फिर अधिकारियों के सामने एक और खुलासा हुआ, जिसमें पता चला कि शिखर गुटखा में एक और पार्टनर शामिल है। जिनका नाम अभी तक जांच में सामने नहीं आया था। इस पार्टनर का नाम था ‘ओडोकैम इंडस्ट्रीज’। वही ओडोकैम इडस्ट्रीज जिसका मालिक पीयूष जैन है। यहीं से शुरू हुई पीयूष जैन की कहानी।
पीयूष जैन के घर पहुंचे अधिकारी
पीयूष जैन का नाम आते ही अधिकारी कानपुर स्थित ओडोकैम इंडस्ट्रीज के रजिस्टर्ड एड्रेस पर पहुंच जाते हैं। यह एड्रेस था आनंदपुर में पीयूष जैन का घर। DGGI की प्रेस रिलीज के अनुसार इसी घर से अधिकारियों को 177.45 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी। इतना पैसा देखकर अधिकारी हैरान रह गए। लेकिन कार्रवाई यहीं खत्म नहीं हुई।
कन्नौज से क्या-क्या मिला
कानपुर के बाद अधिकारियों ने कन्नौज स्थित पीयूष जैन की फैक्ट्री और आवास पर छापेमारी की। DGGI की प्रेस रिलीज के अनुसार यहां से भी अधिकारियों को 17 करोड़ रूपये कैश, 23 किलो सोना और 600 किलो चंदन का तेल मिला, जिसकी कीमत करीब 6 करोड़ रूपये है। इन सभी चीजों को कन्नौज में एक अंडरग्राउंड टंकी में छुपाया गया था। सोमवार को भी जीएसटी और आयकर विभाग के अधिकारी पीयूष जैन के घर पहुंचे। यानी कार्रवाई अभी भी जारी है। ऐसे में कुल रकम कितनी है, इसकी तस्वीर गिनती पूरी होने के बाद ही साफ होगी। हालांकि जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।