नई दिल्ली । वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि ऐसे वक्त में जब दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है, स्टार्टअप दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सामाजिक और लोकतांत्रिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने उद्यमियों से ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को मजबूत करने, भारत में नवाचार को बढ़ावा देने और नई स्टार्टअप इकाइयों को परामर्श देने के लिए भी कहा है।
उन्होंने यहां ‘स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दुनिया इस महामारी की लगातार आ रही लहरों का सामना कर रही है, ऐसे में हमारे उद्यमियों को स्टार्टअप को और अधिक टिकाऊ बनाने के बारे में सोचना चाहिए … मुझे लगता है कि हमारे स्टार्टअप दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सामाजिक और लोकतांत्रिक बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उद्यम पूंजीपति और वित्त उपलब्ध कराने वाले लोग भी देशभर में नई स्टार्टअप इकाइयों को परामर्श देकर आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आने वाले वर्षों में स्टार्टअप के विकास के लिए पांच मंत्र सुझाता हूं – साझा करना, खोज, पोषण, सेवा और सशक्तीकरण।’’ गोयल ने कहा कि सरकार ने स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें पेटेंट दाखिल करने के शुल्क में कमी, सार्वजनिक खरीद मानदंडों में छूट और शुरुआती कोष योजना शामिल है। उन्होंने कहा कि 2018-21 के दौरान स्टार्टअप ने छह लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने सभी हितधारकों से भारत को वैश्विक नवाचार सूचकांक के शीर्ष 25 में लाने का आह्वान किया। गोयल ने कहा कि वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत 2014 के 76वें स्थान से बढ़कर 2021 में 46वें स्थान पर आ गया, जिसमें हमारे स्टार्टअप की प्रमुख भूमिका है।