नई दिल्ली। गणेश उत्सव की Pitru Paksha 2022 : समाप्ति के बाद 10 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहे हैं। 16 दिनी इस श्राद्ध पक्षों की समाप्ति 25 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या के साथ होगी। आपको बता दें इस दौरान pitru paksha me kyon nahi kaate baal or nails उन लोगों को बाल और नाखून काटने की सख्त मनाही होती है। जो अपने पितरों को तर्पण करते हैं। या पितृ के लिए श्राद्ध करते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों किया जाता है। यदि नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि विशेषज्ञों के अनुसार इसका क्या कारण हैं।
बाल और नाखून न कटवाने का वैज्ञानिक कारण –
ज्योतिषाचार्य और रिटायर्ड इंजीनियर अनिल पांडे के अनुसार पितृ पक्ष कोई सुख का त्योहार तो है नहीं इसलिए इन दिनों में दुख व्यक्त करने के लिए बाल और नाखून नहीं काटे जाते। बाल और नाखून न कटवाने से प्रतीत होता है कि हम शोक में हैं। यानि ये एक तरह से दुख व्यक्त करने का तरीका है।
बाल और नाखून न कटवाने का धार्मिक कारण –
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इसके पीछे जो धार्मिक कारण बताया गया है। उसके मुताबिक नौरात्रि में भगवान की साधना की जाती है। जिस तरह नौरात्रि में बाल और नाखून काटना वर्जित होता है। उसी तरह पितृ देव भी हमारे लिए भगवान स्वरूप हैं। इसलिए इस दौरान भी नाखून और बाल नहीं काटना चाहिए।
पितृ पक्ष का मुहूर्त (Muhurt of Pitru Paksha 2022)
पितृ पक्ष श्राद्ध, पर्व श्राद्ध (पार्वण श्राद्ध) होते हैं और इन्हें करने का शुभ समय कुतुप मुहूर्त और रोहिना मुहूर्त होता है। इन दोनों शुभ मुहूर्त के बाद अपराह्न काल समाप्त होने तक भी मुहूर्त चलता है। श्राद्ध के अंत में तर्पण (तर्पण) किया जाता है जिसमें सूर्य की तरफ मुंह करके घास की कुश (डाव) से देते हैं। प्रतिपदा श्राद्ध शनिवार, 10 सितंबर 2022 से शुरू हैं तो इस दिन श्राद्ध अनुष्ठान का समय भी जान लीजिए।
कुतुप मुहूर्त (Kutup Muhurat) – दोपहर 12:11 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक, अवधि: 49 मिनट
रोहिना मुहूर्त (Rohina Muhurat) – दोपहर 01:00 बजे से दोपहर 01:49 बजे तक, अवधि: 49 मिनट
अपराह्न मुहूर्त (Aparahna Muhurat)- 01:49 अपराह्न से 04:17 अपराह्न, अवधि: 02 घंटे 28 मिनट
पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां (Dates of Shradh in Pitru Paksha)
भूल कर भी न करें ये शुभ कामः
ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। जैसे शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, घर के लिए महत्वपूर्ण चीजों की खरीददारी न करें। इसके अलावा पितृ पक्ष में नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए। इसके अलावा श्राद्ध का कार्य दिन में करना चाहिए।
तिथि के अनुरूप करें श्राद्ध
11 सितंबर.प्रतिपदा श्राद्ध
12 सितंबर.द्वितीया श्राद्ध
13 सितंबर.तृतीया श्राद्ध
14 सितंबर.चतुर्थी श्राद्ध
15 सितंबर.पंचमी श्राद्ध
16 सितंबर.षष्ठी श्राद्ध
17 सितंबर.सप्तमी श्राद्ध
18 सितंबर.अष्टमी श्राद्ध
19 सितंबर.नवमी श्राद्ध
20 सितंबर.दशमी श्राद्ध
21 सितंबर.एकादशी श्राद्ध
22 सितंबर.द्वादशी श्राद्ध
23 सितंबर.त्रयोदशी श्राद्ध
24 सितंबर.चतुर्दशी श्राद्ध
25 सितंबर.अमावस्या श्राद्ध
नोट — इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी को अमल में लाने के पहले विषय विशेषज्ञ की सलाह ले लें।