नई दिल्ली। पितृ पक्ष (Pitra Paksha 2021 )पितरों की शांति के लिए खास माना जाता है। पूरे 16 दिन इनके लिए पिंड दान और श्राद्ध कर आत्मा की शांति के लिए प्रयास किए जाते हैं। लेकिन जो लोग पिंड दान नहीं कर पा रहे हैं। या अपने मन से पितरों का श्राद्ध करना चाहते हैं।
पूरी श्रद्धा के साथ किया गया पितरों का सत्कार हमें और बच्चों को आशीर्वाद देता है। ऐसा न कर पाने की स्थिति में परिवार पर पितृ दोष लगता है। यदि आपके परिवार में भी ऐसी कोई समस्या है। तो पितृ पक्ष के दौरान अपनी भूल को सुधारते हुए कुछ विशेष पेड़ लगाएं। इनसे पितरों को शांति मिलती है और उनकी नाराजगी दूर होती है। आइए जानते हैं कौन से हैं वे पौधे। क्या कर सकते हैं उपाय।
पीपल में विष्णु जी के साथ पितरों का वास —
पीपल के पौधें में भगवान विष्णु के साथ—साथ पितरों का वास माना जाता है। यदि पितृ पक्ष में ये पौधा लगाकर ठीक तरह से देखभाल की जाए तो ये सैकड़ों वर्षों तक वृक्ष बनकर लोगों को छाया देता है। इसे दैवीय पेड़ भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में हमारे पितृ यहीं से सूक्ष्म रुप में तिथियों पर हमारे घर आगमन करते हैं। अन्न जल ग्रहण करके पुन: पीपल के वृक्ष पर चले जाते हैं। साथ ही यह भी मान्यता है कि पीपल वृक्ष के रहने तक हमारे पितरों का आशीर्वाद भी साथ रहता है। इस स्थिति में परिवार तरक्की करता है।
बरगद का वृक्ष देगा कष्टों से मुक्ति
पितृ पक्ष में बरगद का पौधा लगाना भी अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से पितरों को सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है। बरगद को जगत जननी माता सीता का आशीर्वाद प्राप्त है। ऐसा माना जाता है। इस पौधे को पितर पक्ष में लगाने से पितरों के साथ देवी-देवताओं का भी आशीर्वाद मिलता है। बरगद में प्रतिदनि अर्पित किया गया जल प्रत्यक्ष रूप से पितरों को मिलता है।
शमी में शनि देव के साथ—साथ पितृ भी देंगे आशीर्वाद
शमि का पौधा लगाने से शनि की शांति होती है। लेकिन पितृ दोष और दुख-दर्द दूर करने के लिए शमी के पौधे को भी काफी प्रभावकारी माना गया है। इसे लगाने से पितर प्रसन्न होते हैं। ऐसा करना सभी कष्टों को दूर करता है।
ये पौधें की देंगे पितरों को शांति
इसके अलावा बेल, तुलसी, आम, कुशा, चिचड़ा, खैर, मदार, पलाश, जामुन आदि पौधों को भी लगाया जा सकता है। इससे भी पितरों को शांति मिलती है। वे तृप्त होते हैं। यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि पौधे को लगाने के बाद भूलना नहीं है। पौधा सूखने न पाए इसके लिए उसमें नियमित रूप से पानी भी देना है।
नोट : यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता।