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हाइलाइट्स
- सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग दाखिल
- वॉलमार्ट-टाइगर ग्लोबल-माइक्रोसॉफ्ट बेचेंगे शेयर
- 40% की राजस्व वृद्धि दर्ज की गई
शेयर बाजार की ओर फोनपे का कदम
फोनपे ने शेयर बाजार में कदम रखने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा दिया है। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली यह डिजिटल पेमेंट कंपनी अब आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी है। कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (PDRHP) दाखिल किया है। यह फाइलिंग गोपनीय प्री-फाइलिंग रूट के तहत की गई है। कंपनी का लक्ष्य करीब ₹12,000 करोड़ (1.35 अरब डॉलर) जुटाने का है। यह पूरी पेशकश ऑफर फॉर सेल (OFS) के रूप में होगी, यानी इसमें नए शेयर जारी नहीं किए जाएंगे बल्कि पुराने निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।
कौन बेचेंगे अपनी हिस्सेदारी?
इस इश्यू में तीन बड़े निवेशक हिस्सेदारी कम करेंगे। इनमें वॉलमार्ट, टाइगर ग्लोबल और माइक्रोसॉफ्ट शामिल हैं। ये तीनों मिलकर लगभग 10% हिस्सेदारी का विनिवेश करेंगे। हालांकि, कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि ड्राफ्ट दाखिल करने का मतलब यह नहीं है कि आईपीओ लाना अनिवार्य है। इसका अंतिम निर्णय बाजार की स्थिति और कंपनी की रणनीति पर निर्भर करेगा।
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बड़ी-बड़ी ग्लोबल एडवाइजरी फर्में जुड़ीं
फोनपे ने इस हाई-प्रोफाइल आईपीओ के लिए कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बैंकों व लॉ फर्मों को जोड़ा है। इन्वेस्टमेंट बैंक्स में कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटी, मॉर्गन स्टेनली और जेपी मॉर्गन जैसे नाम शामिल हैं। इनके साथ जेफरीज, गोल्डमैन सैक्स, एक्सिस कैपिटल और जेएम फाइनेंशियल भी सलाहकार की भूमिका निभाएंगे। वहीं, कानूनी मोर्चे पर शार्दुल अमरचंद मंगलदास, सिरिल अमरचंद मंगलदास और ट्राइलीगल को नियुक्त किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी की नजरें 15 अरब डॉलर (₹1,33,000 करोड़) तक की लिस्टिंग वैल्यूएशन पर टिकी हैं।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है यह IPO?
वित्त वर्ष 2024-25 में फोनपे ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है। कंपनी का राजस्व 40% की सालाना वृद्धि के साथ ₹7,115 करोड़ तक पहुंच गया। इसके अलावा, ऑपरेशनल फ्री कैश फ्लो ₹1,202 करोड़ रहा, जबकि समायोजित EBITDA दोगुना होकर ₹1,477 करोड़ तक पहुंच गया। सबसे अहम बात यह रही कि टैक्स के बाद मुनाफे में 220% की वृद्धि हुई और यह ₹630 करोड़ तक पहुंच गया। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कंपनी अब केवल ग्रोथ ही नहीं, बल्कि लाभप्रदता (Profitability) पर भी फोकस कर रही है।
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