PFI: बीते शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कैडरों और सदस्यों के खिलाफ देश भर में छापेमारी के बाद मामले में चार्जशीट पेश की। एनआईए ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि पीएफआई ने 2047 तक भारत को इस्लामिक देश में बदलने की कोशिश की और इसके लिए पैसा इकट्ठा किया गया। चार्जशीट कोच्चि में विशेष एनआईए कोर्ट में पेश की गई थी। चार्जशीट के मुताबिक, 59 लोगों को आरोपी बनाया गया था। मामले में पहला आरोपी करमना अशरफ मौलवी है, जो पीएफआई का प्रदेश नेता था।
चार्जशीट में कहा गया है पीएफआई द्वारा अन्य धर्मों के लोगों के खिलाफ साजिश रची गई थी। उनका कदम लोगों के बीच धार्मिक संघर्ष पैदा करना और शांतिपूर्ण माहौल को नष्ट करना था और आरोपियों ने लोकतंत्र को नष्ट करने और इस्लामी शासन लाने की कोशिश की। उन्हें आचरण करने की भी कोशिश की गई थी। जिसके लिए मुस्लिम युवाओं के बीच हथियारों का प्रशिक्षण देना भी शामिल है।
एनआईए (NIA) द्वारा राज्य भर में 100 से अधिक स्थानों पर की गई तलाशी के बाद केरल में चार्जशीट दायर की गई है। एनआईए ने 17 संपत्तियों को भी कुर्क किया है क्योंकि उनकी पहचान ‘आतंकवाद की आय’ के रूप में की गई थी और इसकी जांच के दौरान आरोपियों के 18 बैंक खातों को सील कर दिया था।
मामले में जांच से पता चला कि आरोपी भारत में रहने वाले विभिन्न समुदायों और समूहों के बीच खाई पैदा करने की साजिश रच रहे थे। इसके अलावा कहा गया है कि भारत में हिंसक उग्रवाद और जिहाद फैला रहे थे, जिसका उद्देश्य देश को अलग करना और इस्लामिक शासन स्थापित करके 2047 तक भारत को अपने कब्जे में लेना था।