PFI भारत में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के लिए जासूसी करने के शक में एक युवती को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे रिमांड पर भेज दिया गया है। वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि पकड़ी गई सोनू मंसुरी नाम की युवती के परिवरजनों को भी अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वह इंदौर में क्या कर रही है। युवती के पकड़े जाने के बाद उसका भाई उससे मिलने के लिए एमजी रोड पुलिस थाने पहुंचा था, लेकिन पुलिस ने उसे उससे नहीं मिलने दिया।
देवास के शासकीय कॉलेज की लॉ स्टूडेंट सोनू पर आरोप है कि वह शनिवार को इंदौर की कोर्ट में जासूसी कर रही थी। पकड़े जाने के बाद रविवार के दिन उसे कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उसे 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। लेकिन युवती ने दिल्ली के अपने वकील एजाज हाशमी से मिलने के बाद ही पुलिस को अपने बयान दर्ज कराए हैं। आरोपी युवती सोनू मंसूरी पर हिंदू संगठन के एक केस की सुनवाई की वीडियोग्राफी कर अपने साथियों की मदद से पीएफआई के लिए भेजे जाने के आरोप हैं।
पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद सोनू मंसूरी ने कॉलेज का आईडी कार्ड भी पुलिस को दिया है। सोनू ने पुलिस पूछताछ में जानकारी दी है कि वह अपनी सहयोगी अधिवक्ता नूरजहां खान के साथ आवेदन लगाती है। साथ ही प्रकरण की निगरानी करती है। पुलिस नूरजहां खान के लिए भी मामले में पूछताथ के लिए ढूंढ रही है। उधर इंटेलीजेंस की टीम भी इस मामले में पड़ताल करने के लिए लग चुकी है। इंटेलीजेंस अफसरों ने जानकारी दी है कि युवती के तार दिल्ली के वकील से जुड़े हैं। इसी वकी लने बाणगंगा में चूड़ीवाले के साथ मारपीट कांड में पैरवी की है। पुलिस ने बताया है कि युवती छह भाई और बहन हैं, यह सबसे छोटी है। ये सभी कसरावद (खरगोन) में रहते हैं।