हैती। हैती में नागरिकों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है…भूकंप, राष्ट्रपति की हत्या, गिरोहों की हिंसा और सामूहिक अपहरण जैसी घटनाओं के बाद देश की राजधानी में अब लोग ईंधन की कमी से परेशान हैं। गिरोहों की नाकेबंदी और ईंधन ट्रक के चालकों के अपहरण के कारण ईंधन वितरण दो सप्ताह से अधिक समय से प्रभावित है, जिससे पोर्ट-औ-प्रिंस के निवासियों को पेट्रोल और डीज़ल की खासी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
देश की विद्युत प्रणाली के वास्ते जनरेटर चलाने के लिए ईंधन का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। शहर के मुख्य ईंधन टर्मिनल मार्टिसेंट, ला सलाइन और साइट सोलिएल जैसे स्थान पर स्थित हैं, जहां कई गिरोह सक्रिय हैं। कुछ गिरोह कथित तौर पर ईंधन ट्रकों को आवाजाही की अनुमति देने के लिए जबरन भुगतान की मांग भी कर रहे हैं। हैती में ये गिरोह काफी प्रबल हो गए हैं। इनमें से एक गिरोह ने हाल ही में अमेरिका के एक मिशनरी समूह के 17 सदस्यों का अपहरण कर लिया था और उन्हें छोड़ने के लिए कथित तौर पर प्रत्येक के लिए 10-10 लाख डॉलर की फिरौती मांगी थी। फिरौती ना देने पर बंधकों को मारने की धमकी भी दी थी। इन सदस्यों की अभी तक कोई खैर-खबर नहीं है।
इस बीच, पड़ोसी शहर डेल्मास में शनिवार को विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जहां गैस स्टेशनों में ईंधन खत्म हो गया था। पुलिस ने मौके पर पहुंच, हवा में गोलीबारी की और भीड़ को तितर-बितर किया। वहीं, देश के कुछ टेलीफोन नेटवर्क की सेवाएं भी प्रभावित हुईं, क्योंकि ‘सैल टावर’ उपकरण चलाने के लिए ईंधन खत्म हो गया था। राजधानी स्थित बाल रोग विशेषज्ञ अस्पताल ‘सेंट डेमियन’ के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल के वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सकीय उपकरणों के लिए केवल तीन दिन का ईंधन ही बचा है। अस्पताल के ‘प्रोजेक्ट मैनेजर’ डेन्सो गे ने कहा, ‘‘ मैं काफी चिंतित हूं। स्थिति काफी विकट है।’’