जयपुर। राजस्थान में पिछले तीन वर्षों में पेट्रोल और डीजल के कुल 23 नमूने ही जांच के वास्ते लिए गए। वित्त विभाग ने विधानसभा में एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी है।
विधायक वासुदेव देवनानी के प्रश्न के जवाब में विभाग ने कहा कि पिछले तीन साल में राज्य में पेट्रोल के चार और डीजल के 19 यानी कुल 23 नमूने जांच के वास्ते लिए गए। विभाग ने बताया कि कुल नमूनों में से आठ नमूने सही पाए गए, जबकि एक नमूने में पानी की मिलावट दर्ज की गई और 14 नमूनों की रिपोर्ट अभी नहीं मिली है।
विभाग के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में बाड़मेर में पेट्रोल और डीजल में मिलावट की छह, भरतपुर में एक, चूरू में दो, श्रीगंगानगर में तीन, जैसलमेर में दो, जालौर में दो और राजसमंद में एक शिकायत प्राप्त हुई। उसने बताया कि इस अवधि में बाड़मेर में पेट्रोल-डीजल के नाप-तौल में कमी की सात, जयपुर में पांच और जालौर में दो शिकायतें मिलीं। विभाग ने कहा कि राजस्थान सरकार ने 2021-22 में डीजल पर वैट (मूल्य वर्धित कर) और उपकर से 26.48 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जबकि इसी अवधि में पेट्रोल से उसे 17.57 करोड़ रुपये अर्जित हुए।