नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की आलोचना वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की तरफ से दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में याचिका दायर की गई है। वकील प्रदीप कुमार यादव की तरफ से दायर याचिका में दिल्ली पुलिस के आयुक्त को निर्देश देने की मांग की गई है कि टीकाकरण (Vaccination) के संदर्भ में लगाए गए पोस्टर/विज्ञापन/ब्रोशर के सिलसिले में आगे कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए।
24 लोगों को गिरफ्तार किया
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के वकील प्रदीप कुमार यादव ने रिट दाखिल कर गुहार लगाई है कि इस मामले से संबंधित तमाम केस रद्द किए जाएं। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में दो दर्जन ऐसे केस दर्ज किए गए हैं और 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
दर्ज की गई हैं 25 एफआईआर
वकील ने 2015 में श्रेया सिंघल मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का जिक्र किया जिसमें आईटी कानून की धारा 66ए को रद्द कर दिया गया था। उन्होंने कोविड प्रबंधन को लेकर अदालत के हाल के आदेश का भी जिक्र किया जिसमें राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सोशल मीडिया पर चिकित्सीय सहयोग मांगने वाले लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज नहीं किए जाएं।