नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ के निधन पर रविवार को शोक जताते हुए कहा कि ‘‘कभी भारत के कट्टर दुश्मन रहे मुशर्रफ 2002 से 2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे।’’ मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, मुशर्रफ का रविवार को दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया।
थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का एक दुर्लभ बीमारी के कारण निधन हो गया : कभी भारत के कट्टर शत्रु रहे वह 2002-2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे।’’ पूर्व विदेश राज्य मंत्री थरूर ने कहा, ‘‘मैंने संयुक्त राष्ट्र में उन दिनों उनसे हर साल मुलाकात की थी और उन्हें चतुर तथा अपने कूटनीतिक विचारों में स्पष्ट पाया था। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।’’
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और 1999 में करगिल युद्ध की योजना बनाने वाले जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ का रविवार को लंबी बीमारी के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। उनके परिवार के मुताबिक, मुशर्रफ दुर्लभ बीमारी ‘एमिलॉयडोसिस’ से पीड़ित थे, जिसमें पूरे शरीर के अंगों और ऊतकों में एमिलॉयड नामक एक असामान्य प्रोटीन बनता है। जनरल (सेवानिवृत्त) मुशर्रफ का निधन दुबई के एक अस्पताल में हुआ। उनका अमेरिकन हॉस्पिटल दुबई में इलाज चल रहा था। वह 2016 से दुबई में रह रहे थे। मुशर्रफ के निधन के फौरन बाद पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) ने एक बयान जारी कर कहा कि ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद और सभी सेवाओं के प्रमुखों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
बयान में कहा गया, ‘‘अल्लाह उनकी रूह को सुकून अता फरमाए और शोकसंतप्त परिवार को ताकत दें।’’ मुशर्रफ ने ही करगिल युद्ध की जमीन तैयार की थी जो महीनों तक चला था। यह युद्ध तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लाहौर में भारत के अपने समकक्ष अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद शुरू हुआ था। करगिल में मिली नाकामी के बाद मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री शरीफ को अपदस्थ कर दिया था और 1999 से 2008 तक विभिन्न पदों-पहले पाकिस्तान के मुख्य कार्यकारी तथा बाद में राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पाकिस्तान पर शासन किया था।
चार-स्टार वाले जनरल मुशर्रफ उस वक्त पाकिस्तान के ‘‘मुख्य कार्यकारी’’ थे जब अमेरिका पर 9/11 हमला हुआ था और उन्होंने जल्द ही पड़ोसी अफगानिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप के दौरान वाशिंगटन से हाथ मिला लिया था। विपक्ष की नेता बेनजीर भुट्टो की दिसंबर 2007 में हुई हत्या के बाद उनके सहयोगियों को 2008 के चुनाव में भारी खमियाजा उठाना पड़ा।
मुशर्रफ की 2013 में सत्ता में लौटने की योजना पर उस समय पानी फिर गया था जब उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दे दिया गया था। यह चुनाव शरीफ ने जीता था जिन्हें मुशर्रफ ने 1999 में अपदस्थ कर दिया था। मार्च 2014 में मुशर्रफ को तीन नवंबर 2007 को संविधान निलंबित करने का दोषी ठहराया गया था। दिसंबर 2019 में एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ को राजद्रोह के एक मामले में मृत्यदंड सुनाया था। पूर्व सैन्य शासक इलाज कराने के लिए मार्च 2016 में दुबई गए थे। मुशर्रफ का 11 अगस्त 1943 को दिल्ली में जन्म हुआ था। मुशर्रफ का परिवार 1947 में नयी दिल्ली से कराची चला गया था। वह 1964 में पाकिस्तानी सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने क्वेटा के आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी।