हाइलाइट्स
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2 लाख का लोन लेने में केवल 1 लाख पर ब्याज
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जितना पैसा खर्च करेंगे उतने पर ही लगेगा ब्याज
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बैंक भी पर्सनल लोन की तरह देते हैं क्रेडिट लाइन
Personal Loan: यदि आप भी अपनी जरूरत के लिए लोन लेने का प्लान बना रहे हैं. तो यह खबर आपके लिए है. पर्सनल लोन(Personal Loan) में एक तरीका ऐसा भी है जिसमें आप जितना पैसा यूज करेंगे ब्याज केवल उतने पर ही देना होगा. यानि 2 लाख का लोन लेने पर यदि आप 1 लाख यूज करते हैं, तो केवल 1 लाख पर ही ब्याज लगेगा.
Line of Credit का ऑप्शन से बचाएं ब्याज
लाइन ऑफ क्रेडिट (Line of Credit) का ऑप्शन आपको बैंक और फायनेंस सर्विस में मिल जाएगा.इस ऑप्शन के जरिए आप पर्सनल लोन (Personal Loan) पर अपना ब्याज बचा सकते हैं.जिससे आपको लोन लेना बहुंत महंगा नहीं पड़ेगा. इस ऑप्शन के जरिए आपको अपने लोन की पूरी राशि पर ब्याज नहीं देना होता. इसमें आप लोन लेने के बाद जितना पैसा खर्च करेंगे उतनी ही राशि पर आपको ब्याज देना होगा. बाकी बची रकम Line of Credit में पड़ी रहती है. जिसपर न कोई ब्याज लगता है न ही कोई पेनल्टी लगती है.
ऐसे तय होती है Credit Limit
लाइन ऑफ क्रेडिट ऑप्शन में आपको 3000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक की Credit Limit मिल सकती है. हालांकि यह लिमिट बैंक द्वारा आपके Cibil Score के आधार पर देगी. क्रेडिट लाइन को लेकर शुरुआती लिमिट और ब्याज दर संबंधित नियम लोन जारी करने वाले बैंक, फायनेंस सर्विस संस्थान और Loan APP की ओर से निर्धारित किये जाते हैं. इस ऑप्शन के बारे में आप बैंक और फायनेंस संस्थान से लोन लेते समय पूछ लें. बैंक की वेबसाइट पर भी इसका ऑप्शन आसानी से मिल जाता है.
Credit line ऑप्शन में मिलेगी ये सुविधा
क्रेडिट लाइन ऑप्शन में लोन के प्रीपेमेंट चार्ज से भी बच सकते हैं. नार्मल पर्सनल लोन (Personal Loan) में आपको तय समय पर निश्चित ईएमआई (Loan EMI) देनी होती है. लेकिन क्रेडिट लाइन ऑप्शन में आपको (EMI) के जरिए सिर्फ ब्याज (Interest) देना होता है. इसमें आप प्रिंसिपल अमाउंट को बाद में जमा कर सकते है. इसके जरिए मिली राशि को आप नार्मल पर्सनल लोन (Personal Loan)के की तरह अपनी जरूरत के हिसाब से यूज कर सकते हैं.
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Personal Loan लेने से पहले ये बातें भी जान लें
क्रेडिट लाइन का ऑप्शन कई मामलों में काफी बेहतर है. किंतु इसके कई नुकसान भी हैं. इसमें ब्याज दरें नार्मल पर्सनल लोन (Personal Loan) के मुकाबले ज्यादा होती हैं. साथ ही यदि मूलधन का भुगतान नहीं करने पर ब्याज की किस्त बढ़ती जाएगी. इसके अलावा क्रेडिट लाइन में बैंक बदलाव कर सकता है. क्रेडिट लाइन अप्रूव करने वाला बैंक एलओसी रद्द करने, आपकी सीमा कम करने, और ब्याज दर बदलने का निर्णय ले सकता है.