Seat Belt New Rule: सड़क हादसों को रोकने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही नया नियम (Seat Belt New Rule) लाने वाली है। दरअसल, बीते कुछ वर्षों में सड़क हादसों में बढ़ोत्तरी आई हैं, जिसके बाद परिवहन नीति में अगले दो साल में अहम बदलाव लागू होंगे। इस नियम के बाद फोर व्हीलर मालिकों के लिए बड़ा बदलाव आएगा। अब कार बनाने वाली कंपनियों को सभी कारों में पिछली सीट पर सीट बेल्ट रिमाइंडर फीचर देना होगा। यह नियम देश में एक अप्रैल, 2025 से बिकने वाली सभी कारों में पीछे वाली सीटों पर भी बेल्ट अलार्म लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
सरकार ने सड़क सुरक्षा से जुड़े इस नियम का नोटिफिकेशन कंपनियों (Seat Belt New Rule) को भी जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन जारी करने से पहले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (NHAI) ने इस साल मार्च में ड्राफ्ट जारी किया था और नए नियम को लेकर आम लोगों ने उनकी राय मांगी गई थी, जिसके बाद सरकार के द्वारा यह नियम बनाया गया है।
1 अप्रैल 2026 से बसों में भी सीट लगाना जरूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक अप्रैल 2025 के बाद बनने वाली सभी पैसेंजर कारों के लिए नियम लागू होगा। इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम में बदलाव किया जाएगा। इसके मुताबिक सीट बेल्ट, रेस्ट्रेंट सिस्टम और सीट बेल्ट रिमाइंडर का इस्तेमाल करना होगा। जबकि, एक अप्रैल 2026 से बसों और अन्य भारी वाहनों में भी सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए सेफ्टी सीट बेल्ट असेंबल करने का नियम लागू किया जाएगा।
नियम तोड़ने पर कटेगा चालान
कार चालाक और फ्रंट सीट पर बैठे पैसेंजर के लिए इन-बिल्ट सीट बेल्ट रिमाइंडर अनिवार्य है। सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले पिछली सीट के पैसेंजर्स पर सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स (CMVR) के नियम 138 (3) के तहत एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। हालांकि, अधिकांश लोग या तो इस नियम से अनजान है या फिर इसे अनदेखा कर देते हैं। यहां तक कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी सीट बेल्ट नहीं लगाने पर पीछे की सीट पर बैठे पैसेंजर्स का चालान काटना अनिवार्य हैं, लेकिन शायद की ट्रैफिक पुलिस कर्मी पिछली सीट पर सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले व्यक्ति से जुर्माना वसूलते हैं।
डीपीआर में मिली खामियां
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सड़क इंजीनियरिंग की खामियों को भी अगले दो साल के भीतर दूर कर लिया जाएगा। अधिकांश दुर्घटनाओं के लिए सड़क बनाने से पहले डीपीआर में खामियां देखी गई हैं। इसमें मोड़ पर शार्प टर्न, रफ्तार कम करने जैसे अवरोधक, खराब निर्माण सामग्री, मर्जिंग लेन जैसी दर्जनों कमियां मिली हैं। जो राजमार्ग बन चुके हैं, उनकी डिजाइन ठीक की जाएगी।
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