औबेदुल्लागंज से देलावाड़ी के बीच पड़ने वाले करमई गांव के लोग इन दिनों डर के माहौल में जी रहे हैं। डर की वजह है गांव में बाघ का मूवमेंट बता दें पिछले तीन दिनों से बाघ गांव के आसपास ही घूम रहा है। बाघ की हालात ठीक नहीं होने की वजह से वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा है।
यहीं वजह है कि बाघ जंगल में शिकार नहीं कर रहा था। इसलिए वह आवासीय इलोकों में भ्रमण के लिए आया है। बताया गया कि बाघ गांव के पास स्थित पहाड़ी पर चढ़ गया इसलिए वन विभाग की टीम को उसे खोजने में परेशानी हो रही है।
वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने की तैयारी
वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए विशेष तैयारियां की है ताकि बाघ को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। विभाग की ओर से बाघ को पकड़ने के लिए मांस का प्रबंध किया गया। करीब 50 से 60 कर्मचारियों की टीम बाघ को रातापानी अभयारण्य में खोज में लगी है।
एस्पर्ट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बाघ की उम्र करीब 10 से 12 साल है साथ ही बाघ के पैर में चोट के कारण वह ठीक से चलने में असर्थ है।
तीन दिनों की मशक्कत से भी हाथ नहीं आया बाघ
वन विभाग की टीम पिछले तीन दिनों से ट्रेंक्युलाइज शूटर के साथ गांव के आसपास घूम रही है लेकिन अभी तक विभाग को सफलता नहीं मिली। दरअसल, बाघ गांव की पहाड़ी पर चढ़ गया ऐसे में उसे ट्रेक कर पाना मुश्किल हो रहा क्योंकि बाघ पकड़ने के भारी भरकम पिंजरे को पहाड़ी पर ले जाने में काफी दिक्कत होगी ।
पहाड़ी इलाके के घने क्षेत्र में छिपा बाघ
बाघ पहाड़ी इलाके के घने क्षेत्र में छिपकर बैठा है। क्योंकि इस इलाके में उसे काफी आसानी से शिकार मिल जाता है। पहाड़ के नीचे नहीं आने से वन विभाग के लोग भी खाली हाथ बैठे है। गांव के लोग डर रहे हैं। उनका कहना हैं गांव में अतिरिक्त सुरक्षा दी जाए ताकि गांव के लोग निडर हो सके।