Advertisment

Village of Widows: लोग इस गांव को कहते है 'विधवाओं का गांव', वजह जानकर हो जाएंगे हैरान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

विधवाओं के गांव के नाम जाने वाला राजस्थान के बूंदी जिले में स्थिति है। बता दें कि यहां कि महिलाओं तक को 10-10 घंटे मजदूरी करनी पड़ती है।

author-image
Agnesh Parashar
Village of Widows: लोग इस गांव को कहते है 'विधवाओं का गांव', वजह जानकर हो जाएंगे हैरान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Village of Widows: वैसे तो भारत में लाखों गांव है और सभी गांवों में लोगों की अपनी भाषा एंव  रहने के अपने तौर-तरीकें  हैं। इसी वजह से भारत के गांव विश्व भर में  बेहद ही  प्रसिध्द  है। लेकिन आज हम आपको जिस गांव के बारे में  बताने जा रहे हैं।  शायद ही है कि आपने इससे पहले इस गांव का नाम सुना हो क्योंकि इस गांव को लोग  विधवाओं का गांव कहते हैं। यह भारत में एक इकलौता ऐसा गांव है जिसका नाम इतना अजीब है। आइए जानते इस गावं के बारे में।

Advertisment

राजस्थान के बूंदी जिले में विधवाओं का गांव

विधवाओं के गांव के नाम जाने वाला गांव राजस्थान के बूंदी जिले में स्थिति है। इसका नाम बुधपुरा गांव है। बता दें कि यहां कि महिलाओं तक को 10-10 घंटे मजदूरी करनी पड़ती है जब जाकर ये अपने परिवार का भरन-पोषण कर पाती हैं। ऐसे सवाल में ये उठता है आखिर इस गांव में पुरुषों की असमय मौत क्यों हो जाती हैं।

इस गांव में रहने वाले लोग इस कारण जानते है। लेकिन दुनिया अभी भी इस सच से दूर है। दरअसल इस गांव में पुरुषों की मौत का बड़ा कारण है। यहां मौजूद खदानें जी हां  जिसमें यहां के लोग काम करते हैं। खदानों में काम करने से यहां के लोगों को सिलिकोसिस नामक बीमारी होती है। यह बीमारी बेहद ही खतरनाक है क्योंकि इससे  गांव के लोगों की मौत हो जाती हैं। गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को समय रहते इलाज न मिलने की वजह भी मौत का एक बड़ा कारण है।

पत्थरों को तराशनें में उड़ती सिलिका डस्ट

publive-image

शादीशुदा महिलाओं के पतियों की मौत की वजह से यहां की महिलाओं को पत्थर तराशनें का काम करना पड़ता है। और ये महिलाएं इन्हीं खदानों में फिर से काम करने के लिए मजबूरी बस फिर आ जाती हैं।  बता दें की पत्थरों को तराशने के दौरान सिलिका डस्ट कारीगरों के फेफड़ों में चली जाती है। इससे लोगों के फेंफड़ों में सक्रमंण फैलने लगता है। इसी वजह  लोग बीमार पड़ते है और समय रहते इलाज किया तो लोगों की जान भी बच जाती है।

Advertisment

पति की मृत्यु के बाद फिर उसी खदान में जाती है महिलाएं

बच्‍चों को भूख के कारण मरने से बचाने के लिए अब विधवा महिलाएं भी बलुआ पत्‍थर तराशने के लिए जानलेवा काम को करने को  मजबूर हैं। यहां पर इन पत्थरों की खदानों में काम करने वाली महिला हो या पुरुष सभी कोई सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर हालात इतने बत्तर हो गए है कि कुल आबादी का 50 फीसदी लोगों को श्वसन संबंधी बीमारी है।

सरकार की अनदेखी झेल रही महिलाएं

ये पत्थर की खदानें लोगों के लिए काम करने लायक नहीं है। फिर भी लोग अपने परिवार के लिए यहां पर काम करते हैं। दर्जनों महिलाएं अपने पति के चले जाने के बाद यहीं काम करने आती है। ताकि परिवार को आर्थिक समस्या का सामना न करनी पड़े। यहां पर इन लोगों के मदद करने न तो सरकार की तरफ से कभी कोई पहल की और नही खदान के संचालकों द्वारा मजदूरों के हित कोई कदम उठाया।

खदान संचालकों इस ओर कोई ध्यान नहीं

लिहाजा आज भी यहां के मजदूर बत्तर जिंदगी के बीच रोज अपनी जंग लड़ रहे। कुछ निजी संस्थाओं ने इन लोगों की मदद के कुछ जरुर किए लेकिन वह नाकाफी साबित हो रही है। जरुरी एक बड़ी पहल की जो या तो सरकार कर सकती है या फिर खदान के मलिकों को मजदूरों के हित में नीतियां बनानी होगी तभी इनकी स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है।

Advertisment

ये भी पढ़ें:

यूपीएससी ने ईपीएफओ परीक्षा का रिजल्ट किया घोषित, यहां देखें UPSC EPFO Result 2023

Bihar News: मणिपुर के बाद बिहार में भी इंसानियत शर्मसार, जानें क्या है पूरा मामला

Chhattisgarhia Olympics: छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों को छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेल का दर्जा मिला, ये खेल रहेंगे शामिल

Advertisment

Flipkart Big Saving Days : 23 जुलाई से शुरू हो रहा Big Saving Days, इन गैजेट पर मिलेगी बम्पर छूट

UP News: उप्र में 35 करोड़ पौधे लाने की आज शुरू होगा ‘वृक्षारोपण अभियान’, योगी ने सभी से एक पौधा लगाने की अपील की

rajasthan news Bundi news silicosis disease village of widows Village of Widows: राजस्थान न्यूज बूंदी न्यूज विधवाओं का गांव सिलिकोसिस बीमारी
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें