भोपाल/श्योपुर। KNP Cheetah मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीता ‘ओबन उर्फ पवन’ को एक बाड़े में डाल दिया गया है। यह चीता कई बार केएनपी से भटककर दूर जाता रहा है और उसे बचाकर वापस केएनपी में लाया गया है। यह नर चीता इस महीने कम से कम दो बार केएनपी की सीमा से बाहर निकल चुका है।
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वन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि हालिया मामले में चीते KNP Cheetah को 22 अप्रैल को बेहोश कर तब केएनपी वापस लाया गया था जब वह पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जंगल में जाने वाला था। इससे पहले इसे सात अप्रैल को मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बैराड इलाके से बेहोश कर वापस लाया गया था।
पवन बार-बार केएनपी से बाहर निकल रहा था
केएनपी के वन मंडल अधिकारी प्रकाश कुमार वर्मा ने कहा कि चीता ‘पवन’ को अब बड़े बाड़े में KNP Cheetah स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां यह दो मादा चीतों के साथ रह रहा है। उन्होंने कहा कि चूंकि पवन बार-बार केएनपी की सीमा से बाहर निकल रहा था।
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अधिकारी के मुताबिक चीता ‘पवन’ के गैर वन इलाकों में पहुंने के चलते चीता KNP Cheetah टास्क फोर्स ने इसे एक बड़े बाड़े में डालने का निर्णय लिया ताकि पार्क में अन्य कार्य प्रभावित न हो। पवन और मादा चीता आशा को नामीबिया से केएनपी लाए जाने के छह माह बाद 11 मार्च को जंगल में छोड़ दिया गया था।
स्वास्थ्य-रखखाव पर सरकार-प्रशासन पैनी नजर
बात दें कि कूनो नेशनल पार्क में इन दिनों चीतों KNP Cheetah को स्वास्थ्य और उनके रखखाव पर सरकार और प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है। केएनपी में एक महीने से भी कम समय में दो चीतों-एक नर और एक मादा की मौत होने के बाद से मचे हड़कंप के बाद यह स्थिति बनी हुई है।
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दरअसल, 23 अप्रैल को इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए नर चीता KNP Cheetah ‘उदय’ की मौत हो गई थी। वहीं, आठ नामीबियाई चीतों में से साढ़े चार साल से अधिक आयु की ‘साशा’ की 27 मार्च को गुर्दे की बीमारी से मृत्यु हो गई थी। चीतों के संबंध में एक आपात बैठक कर कुछ निर्णय भी लिए गए हैं।