इंदौर। फिल्म पठान से जुड़े विवाद के एक मामले में इंदौर की जिला अदालत की कार्यवाही का वीडियो बनाने के आरोप में गिरफ्तार 27 वर्षीय महिला की पुलिस हिरासत अवधि बुधवार को अभियोजन की इस दलील पर तीन दिन के लिए बढ़ा दी गई कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रही है। जिला अभियोजन कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित तौर पर जुड़ी सोनू मंसूरी (27) को फिल्म पठान से जुड़े विवाद के मामले में बजरंग दल के स्थानीय नेता तन्नू शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई का अदालत कक्ष में मोबाइल कैमरा से वीडियो बनाते 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि वकील की वेश-भूषा में अदालत पहुंची मंसूरी के कब्जे से करीब 1.5 लाख रुपए भी बरामद किए गए थे। उन्होंने बताया कि अभियोजन की गुहार पर एक स्थानीय अदालत ने इस महिला को एक फरवरी (बुधवार) तक पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने विज्ञप्ति में बताया कि पुलिस हिरासत अवधि खत्म होने पर मंसूरी को बुधवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) तारा मार्को के सामने पेश किया गया। उन्होंने बताया कि अदालत ने अभियोजन का अनुरोध मंजूर करते हुए आरोपी की पुलिस हिरासत अवधि चार फरवरी तक के लिए बढ़ा दी।
श्रीवास्तव के मुताबिक, पुलिस ने अदालत में कहा कि लगातार पूछताछ के बावजूद मंसूरी जांच में सहयोग नहीं दे रही है, जबकि अदालत कक्ष की वीडियोग्राफी के मामले में अन्य लोगों के भी शामिल होने का संदेह है। जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में मंसूरी ने कहा कि अदालत कक्ष में उसके पास जो रकम बरामद हुई, वह उसने नूरजहां नामक वकील के कहने पर उसके एक मुवक्किल से ली थी, लेकिन वह इस तथाकथित मुवक्किल का नाम नहीं बता रही है।
श्रीवास्तव ने कहा कि आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह नूरजहां के कहने पर ही अदालत की कार्यवाही का वीडियो बना रही थी, लेकिन उसने पूछताछ के दौरान इस संबंध में अब तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। गौरतलब है कि राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हाल में एक बयान में दावा किया था कि खुद मंसूरी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह पीएफआई को सहयोग करती थीं और प्रतिबंधित संगठन को अदालती मामलों की ताजा जानकारी उपलब्ध कराती थी।