नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र में राज्यसभा में ‘‘अशोभनीय आचरण’’ के लिए निलंबित 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से उच्च सदन की बैठक बुधवार को शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया।
बैठक शुरू होने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए । इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल शुरू कराया, विपक्षी सदस्यों ने 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया और अपने स्थानों से आगे आ गए।
सभापति ने सदस्यों से कहा कि वह जो कुछ कर रहे हैं, उसे पूरा देश देख रहा है। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने को कहा । उन्होंने कहा ‘‘…. कोई पछतावा नहीं है। आसन के समक्ष आ जाना, कार्यवाही बाधित करना, सदन में तख्तियां दिखाना, नारेबाजी करना, मंत्री के हाथों से दस्तावेज छीनना, कागज फाड़ कर आसन की ओर उछालना, अवज्ञा करना… वह सब कुछ करना जो सदन की गरिमा के, नियमों के खिलाफ है… और उस पर कोई पछतावा नहीं…।’’
नायडू ने कहा ‘‘आप कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते, आप शून्यकाल नहीं चलने देना चाहते, आप विशेष उल्लेख नहीं चाहते… जो कुछ आप कर रहे हैं, वह लोग देख रहे हैं।’’ सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख उन्होंने करीब 11:10 बजे बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। उच्च सदन में उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं। इससे पहले बैठक शुरू होने पर केसी(एम) पार्टी के जोस के मणि को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई गई। मणि केरल से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं।