INDORE: पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी ने बिजली बिल पेपर लेस करने का निर्णय लिया है Paperless Electricity bill News।बता दें इस कंपनी के अंतर्गत इंदौर-उज्जैन संभाग आते हैं जिसमें 15 जिले आते हैं। इन जगहों में दो माह बाद उपभोक्ताओं को कागज के बिजली बिल मिलना बिल्कुल बंद हो जाएंगे।वहीं अब बिल मोबाइल पर एसएमएस, वाट्सएप और ई-मेल के जरिए दिए जाएंगे। अभी यह व्यवस्था देपालपुर और पीथमपुर में इस लागू की गई है। इसी माह से ही आगर और शाजापुर जिलों में इसको लागू करने की तैयारी की जा रही है। अगले माह से 11 और जिलों में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।यह व्यवस्था के आने से पहले एक बाधा भी आ गई है।दरअसल इंदौर में 1.50 लाख और उज्जैन में तकरीबन 30 हजार उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर न मिलने से बिल भेजने का मामला अटक गया है। अगस्त-सितंबर में नंबर जुटाकर अक्टूबर से इन शहरों में भी पेपरलेस बिल व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
अगले माह इन जिलों में नहीं बंटेंगे बिल
अगस्त में इंदौर-उज्जैन संभाग के जिन 11 जिलों में पेपरलेस बिल व्यवस्था लागू होगी, उनमें धार, बड़वानी, झाबुआ, खरगोन, खंडवा, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच, अलीराजपुर और बुरहानपुर शामिल है Paperless Electricity bill News। इंदौर जिले में अभी 1.50 लाख उपभोक्ताओं के नंबर कंपनी को नहीं मिले हैं। इन्हें जुटाने का काम चल रहा है। इसी तरह उज्जैन में तकरीबन 30 हजार उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर न मिलने से मामला अटक गया है। बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि अगस्त-सितंबर में इदौर व उज्जैन शहर के उपभोक्ताओं के नंबर जुटाकर अक्टूबर से इन शहरों में भी पेपरलेस बिल व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इस तरह दो माह बाद से कंपनी क्षेत्र के समस्त उपभोक्ताओं को कागज के बिल मिलना बंद हो जाएंगे।
हर माह बचेंगे करोड़ों
पेपरलेस बिजली बिल व्यवस्था पूरी तरह लागू होने के बाद पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के हर माह करोड़ों रुपए बच जाएंगे। अभी कागज पर बिल छपाई खर्च 50 पैसे प्रति बिल आता है। पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी का हर माह का खर्च 21 लाख 50 हजार रुपए है। इंदौर शहर और ग्रामीण के मिलाकर 10 लाख उपभोक्ताओं के बिल छपाई का खर्च 5 लाख रुपए है। बिल पेपरलेस होने से कंपनी का सालाना छपाई 2 करोड़ 58 लाख रुपए बच जाएगा।
अभी भेजते हैं ऑनलाइन
बिजली कंपनी के पास शहर के जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें बिल की राशि और जमा करने की ऑनलाइन लिंक के साथ अंतिम तारीख मोबाइल पर एसएमएस के जरिए भेजी जाती है। साथ ही बिल भरने की आखरी तारीख के हफ्तेभर पहले कागज के बिल भी भेजे जाते हैं। कई बार तो उपभोक्ताओं को पैसा जमा करने की आखरी तारीख के दिन या एक दिन पहले बिल मिलता है, इसलिए अब कागज, पैसा और समय बचाने सहित बिल बांटने की झंझट से छुटकारा पाने के लिए ही पेपरलेस बिल देने की व्यवस्था पूरी तरह लागू की जा रही है।
जल्द ही सभी दूर करेंगे
ऊर्जा विभाग ने कागजरहित बिजली बिल देने के जो निर्देश दिए हैं, उस पर काम चल रहा है। प्रयास है कि अगले दो माह में सभी 15 जिलों ये व्यवस्था लागू कर दी जाए। इसके बाद किसी भी जिले के उपभोक्ता को कागजी बिल नहीं मिलेगा। किसी उपभोक्ता को परेशानी आएगी, तो कर्मचारी उनकी पूरी मदद करेंगे।
धीरे-धीरे ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सभी विद्युत वितरण कंपनिया इसका पालन कर सकती हैं और पूरे प्रदेश में बिजली के बिल ऑनलाइन हो जाएंगे..।