Pandit Pradeep Mishra Controversy: सीहोर के कुबेरेश्वर धाम के पंडित प्रदीप मिश्रा के एक बार फिर विवादों में आ गए हैं. राधारानी और तुलसीदास के बाद अब उनके साथ ताप्ती नदी को लेकर विवादित बयान दिया. प्रदीप मिश्रा ने बैतूल के मुलताई में मां ताप्ती मंदिर के प्रमुख पुजारी सौरभ जोशी ने पंडित मिश्रा पर ताप्ती का अपमान का आरोप लगाया है. जोशी ने कहा कि यदि वे मुलताई आकर मां ताप्ती से माफी नहीं मागेंगे तो हम सभी भक्त उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे.
पंडित मिश्रा ने क्या कहा
पं. मिश्रा की कथा के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वे कह रहे हैं कि माता यमुना और उनकी छोटी बहन ताप्ती की आपस में कभी नहीं बनी. यमुना जी का नियम था कि जिस समय उनके घाट पर भगवान रास करेंगे, उस समय यमुना ठाकुर जी के श्री विग्रह पर आए पसीने को पोंछने के लिए जाएंगी.
एक बार यमुना का रूप लेकर ताप्ती चली श्री विग्रह के पसीने को पोंछने चली गईं. इसीसे यमुना जी को गुस्सा आया और उन्होंने क्रोध में आकर ताप्ती को श्राप दे दिया कि किसी भी नदी में अस्थियां विसर्जित होंगी तो उनको गलने में 44 दिन लगेंगे लेकिन तेरे जल में वे तुरंत समाप्त हो जाएंगी. इसलिए ताप्ती नदी में अस्थियों को डाला जाता है तो वह डेढ़ घंटे के अंदर पानी में बह जाती हैं.
अस्थियां जल्द घुलना ताप्ती की महिमा
वहीं ताप्ती मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह किया है. मां ताप्ती कभी भी इस प्रकार कृष्ण पर मोहित नहीं रहीं जैसा उन्होंने बताया. ताप्ती के जल में अस्थियां उनकी महिमा की वजह से बाकी नदियों की तुलना में जल्दी घुलती हैं. शास्त्रों में भी इन बातों का जिक्र नहीं है.