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Panchayat Chunav 2021 : निरस्त हुआ पंचायतों का परिसीमन! पुरानी व्यवस्था से ही होंगे चुनाव, अध्यादेश की अधिसूचना जारी

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Preeti Dwivedi
Panchayat Chunav 2021 : निरस्त हुआ पंचायतों का परिसीमन! पुरानी व्यवस्था से ही होंगे चुनाव, अध्यादेश की अधिसूचना जारी

भोपाल। प्रदेश में आए Panchayat Chunav 2021 दिन राजनीति में उथल—पुथल मची रहती है। शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार का एक और फैसला पलट दिया है। जी हां पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच सरकार ने ऐसी पंचायतों के परिसीमन को निरस्त कर दिया है। यह व्यवस्था ऐसी सभी जिला, जनपद या ग्राम पंचायतों में पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी।

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जहां बीते एक साल से चुनाव नहीं हुए हैं। शिवराज सरकार के अनुसार जो पद, जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, वही रहेगा। यह अहम फैसला उस समय लिया गया है जब पंचायत चुनाव की तैयारियों चल रही हैं। इसके लिए सरकार द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश-2021 लागू कर दिया है। जिससकी अधिसूचना रविवार देर शाम जारी भी कर की गई।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की मानें तो पंचायतों को परिसीमन चुनाव से पूर्व कराए जाने का प्रावधान है। ऐसी पंचायतें, जहां परिसीमन तो हो गया, लेकिन उसके प्रकाशन से एक साल के भीतर चुनाव नहीं कराए गए हैं, तो उक्त परिसीमन को निरस्त माना जाएगा। इसलिए इन जगहों पर परिसीमन के ठीक पहले वाली व्यवस्था ही लागू होगी। साथ ही आरक्षण भी वैसा ही रहेगा। यह व्यवस्था उन पंचायतों में लागू नहीं होगी, जिसके क्षेत्र किसी नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित किए गए हैं। कमलनाथ सरकार ने सिंतबर 2019 में प्रदेश में जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक नया परिसीमन कर करीब 1200 नई पंचायतें बनाई थी। जबकि 102 ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया गया था। इसी तरह, 1950 की सीमा में बदलाव भी किया गया था।

2011 की जनसंख्या के आधार पर ग्राम पंचायतों का परिसीमन किया गया था। इसमें ग्राम पंचायतों की आदर्श आबादी दो से ढाई हजार और 5 हजार से अधिक जनसंख्या और उसमें दो राजस्व ग्राम शामिल होने पर उसका विभाजन कर ग्राम पंचायत गठित की गई थीं। इसी तरह, जिला पंचायत में जनसंख्या 5 लाख से कम होने पर कम से कम 10 निर्वाचन क्षेत्र किए गए थे। हालांकि जनसंख्या ज्यादा होने पर अधिकतम 35 निर्वाचन क्षेत्र भी किए गए थे। इसके बाद कमलनाथ सरकार में ग्राम पंचायतों का आरक्षण भी हो गया था।

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इस तरह समझे गणित —
आपको बता दें परिसीमन से पहले प्रदेश में 22 हजार 812 पंचायतें थीं। मध्यप्रदेश में 23,835 ग्राम पंचायतें, 904 जिला पंचायत सदस्य और 6035 जनपद सदस्य त्रि-स्तरीय पंचायत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके पहले की बात करें तो 2014-15 में पंचायत चुनाव हुए थे। जिनका कार्यकाल 2020 तक समाप्त हो चुका है।

यहां ज्यादा पंचायतें हुईं समाप्त —

जिला        संख्या

सागर        25
खरगोन     19
शिवपुरी     13

यहां बनी अधिक पंचायतें —

जिला            संख्या
खरगोन         137
नरसिंहपुर      103
राजगढ़           80

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