Panchak April 2024: यदि आप आने वाले दिनों में शुभ काम करने की सोच रहे है। तो आपको पता होना चाहिए कि अप्रैल में पंचक (Panchak) कब से शुरू हो रहे हैं, क्योंकि पंचकों में कोई भी शुभ काम करना शुभ नहीं माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि के पहले पंचक शुरू
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार अप्रैल में पंचकों (April Panchak ) की शुरुआत चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) के पहले 4 तारीख गुरुवार से हो रही है। जो सोमवार 8 अप्रैल को समाप्त होंगे। पंचक साढ़े चार दिन के होते हैं। इस बार के पंचक अग्नि पंचक (Agni Panchak 2024) हैं।
पंचकों में ये नहीं करना चाहिए
ज्योतिषाचार्य की मानें तो पंचकों में किसी भी तरह के शुभ काम को शुरू करना सही नहीं माना जाता है। अगर आप भी पंचक में मुंडन, लग्न, लकड़ी के सामान की खरीदारी करने जा रहे हैं तो इसके आपको इंतजार करना होगा।
अप्रैल में पंचक कब समाप्त होंगे
अप्रैल में पंचक (April Panchak 2024) 4 अप्रैल गुरुवार से शुरू हो रहे हैं। जो करीब चार दिन बाद 8 अप्रैल यानी चैत्र नवरात्रि 2024 के एक दिन पहले समाप्त हो जाएंगे। इसलिए इस दौरान जो भी शुभ काम नहीं कर पाए थे वो काम नवरात्रि में कर पाएंगे।
पंचकों की गिनती कैसे होती है
पंचक भले ही नाम से पांच दिन का प्रतीत होता है। लेकिन मुख्य रूप से ये साढ़े चार दिन का होता है। इसमें चार दिन को मिलाकर एक नक्षत्र (Nakshatra) नक्षत्र की गणना होती है।
आधा नक्षत्र घनिष्ठा (Ghanishtha Nakshatra) का होता है। इस तरह चार और आधा नक्षत्र जोड़कर एक नक्षत्र बनता है। इन सभी को मिलाकर पंचक बनते हैं।
पंचक किसे कहते हैं
हिन्दू पंचांग में शुभ काम करने के लिए शुभ मुहूर्त होता है। ऐसे में कुछ अशुभ मुहूर्त भी होते हैं जिनमें अच्छे काम नहीं किए जाते।
पंचांग में कोई शुभ काम अपने आप हो जाए। जैसे गणेश उत्सव, नवरात्रि अपने आप आ जाएं तो ये बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन अपने आप स्वयं इनमें कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। इन अशुभ नक्षत्रों के योग को ही पंचक कहते हैं।
हिन्दू कैलेंडर (Hindu Panchakg) में ज्योतिषीय गणना में जब धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती समेत पांच नक्षत्र (Panchak Nakshatra) एक साथ आ जाते हैं। तो इन नक्षत्रों का एक साथ आना हिन्दू धर्म में अशुभ नहीं माना गया है। नक्षत्रों की इसी स्थिति को पंचक कहते हैं।
पंचकों में होने वाले कार्य पांच बार होते हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार अक्सर देखा गया है कि पंचकों में अगर कोई काम होता है तो उसकी पुनरावृत्ति पांच बार होती है। फिर चाहे वह शुभ काम हो या अशुभ।
मान लीजिए आपको पंचकों में किसी की मृत्यु (Panchak Death) की खबर मिल रही है तो आपको उन दिनों में एक के बाद एक पांच बार किसी न किसी को लेकर अप्रिय खबर मिलने की संभावना रहती है।
अगर इस दौरान कोई शुभ काम हो जाएं तो एक के बाद शुभ समाचार मिल जाए। हो जाती है तो उसके सदस्य को मृत्यु तुल्य, कष्ट भोगना पड़ सकता है।
पंचक क्या होता है
ज्योतिष के अनुसार जब चंद्रमा का गोचर कुंभ (Kumbh Rashi) और मीन राशि (Meen Rashi) में होता है तो इस स्थिति को पंचक कहते हैं।
कितने प्रकार के होते हैं पंचक
पंचकों को पांच श्रेणी में बांटा गया है। जिसमें राज पंचक, रोग पंचक, चोर पंचक, अग्नि पंचक, मृत्यु पंचक शामिल हैं।
रोग पंचक क्या होते हैं
रविवार के दिन से पंचक की शुरुआत होने पर उसे रोग पंचक (Rog Panchak) कहते है।
राज पंचक क्या होते हैं
सोमवार के दिन से पंचक शुरु होने पर इसे राज पंचक (Raj Panchak 2024) कहते हैं।
अग्नि पंचक क्या होते हैं
मंगलवार से पंचक शुरु होने पर उसे अग्नि पंचक (Agni Panchak 2024) कहते हैं।
चोर पंचक क्या होते हैं
शुक्रवार से पंचक शुरु होने पर उसे चोर पंचक (Chor Panchak 2024) कहते हैं।
मृत्यु पंचक क्या होते हैं
शनिवार के दिन से पंचक शुरु होते हैं तो इसे मृत्यु पंचक (Mrityu Panchak 2024) कहते हैं।
बुधवार और गुरुवार से शुरू होने पंचक
बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचकों को सोमवार और मंगलवार के पंचक के समान माना जाता है।
पंचकों में क्या न करें
ज्योतिष के अनुसार पंचकों में कोई भी शुभ काम (What Dont in Panchak) करना वर्जित है। पंचक में लकड़ी या लकड़ी का सामान घर लाना वर्जित है। इस दौरान चारपाई बुनवाना अच्छा नहीं माना जाता है। पंचकों में दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए। दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाताी है। इस दौरान घर को रंगरोगन और पेंट नहीं कराना चाहिए।
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