Panchak Sep 2025 Start Date : हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले पंचकों को देखा जाता है। ऐसे में यदि भी सितंबर में कोई शुभ काम शुरू करने जा रहे हैं तो आप भी जान लें कि सितंबर में पंचांग कब से शुरू हो रहे हैं। ये कब से कब तक रहेंगे। इस बार सितंबर में कौन से पंचांग आएंगे।
सितंबर में पंचक कब से कब तक रहेंगे
(Sep me Panchak kab se Hain)
इस महीने यानी सितंबर में पंचकों की शुरुआत 6 तारीख से होगी। शनिवार को दिन में 11:01 मिनट से इनकी शुरुआत होगी। जो 9 सितंबर की रात 8:43 तक रहेंगे।
सितंबर में कौन से पंचक आएंगे
(Sep me Kon se Panchak hain)
सितंबर में पंचक शनिवार से शुरू होंगे। धर्म शास्त्र के अनुसार जब पंचक शनिवार से शुरू होते हैं तो इन पंचकों को मृत्यु पंचक कहते हैं। इस दौरान शुभ काम नहीं करना चाहिए। लेकिन इस बार गणेश उत्सव के पंचक रहें तो सभी काम करना शुभ रहेगा।
क्या पंचकों में गणेश विसर्जन होगा
इस बार पंचकों के दौरान गणेश विसर्जन होगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार पंचकों में गणेश विसर्जन और दुर्गा पूजन शुभ होता है।
इतने दिन में रिपीट होते हैं पंचक
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार पंचक 23 दिन में रिपीट होते हैं। यानी 23 दिन बाद जब साढ़े चार नक्षत्रों की चाल बदलती है तो इस दौरा न पंचक शुरू होते हैं।
पंचक कब शुरू होते हैं
हिन्दू धर्म और ज्योतिष के अनुसार पंचांग में जब धनिष्ठा नक्षत्र आधा निकल जाता तब पंचक शुरू होते हैं। यानी धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से पंचकों की शुरुआत होती है और इसकी समाप्ति रेवती नक्षत्र पर होती है। साढ़े चार नक्षत्र मिलाकर एक पंचक का निर्माण करते हैं।
पंचक कितने तरह के होते हैं (Type of Panchak)
पंचकों मुख्य रूप से पांच तरह के होते है। इसमें रोग पंचक, राज पंचक, अग्नि पंचक, चोर पंचक, मृत्यु पंचक शामिल हैं।
क्या होते हैं रोग पंचक (Rog Panchak)
यदि पंचक रविवार को पड़े तो उसे रोग पंचक कहा जाता है।
क्या होते हैं राज पंचक (Raj Panchak)
जब पंचक सोमवार को पड़े तो इसे राज पंचक (Raj Panchak) कहते हैं।
क्या होते हैं अग्नि पंचक (Agni Panchak)
जब पंचक मंगलवार को पड़े तो इसे अग्नि पंचक (Agni Panchak) कहते हैं।
क्या होते हैं चोर पंचक (Chor Panchak)
जब पंचक शुक्रवार को पड़े तो इसे चोर पंचक (Chor Panchak) कहते हैं।
क्या होते हैं मृत्यु पंचक
जब पंचक शनिवार के दिन पड़े तो इसे मृत्यु पंचक (Mrityu Panchak) कहते हैं। बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचकों को सोमवार और मंगलवार के पंचक के समान माना जाता है।
पंचक में क्या नहीं करना चाहिए
ऐसा माना जाता है पंचकों में कोई भी शुभ काम नहीं करना (Panchak me Kya nahi Karna Chahiye) चाहिए। पंचक में लकड़ी या लकड़ी का सामान घर नहीं लाना चाहिए। इस दौरान चारपाई बुनवाना भी वर्जित माना गया है। इस दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करना वर्जित है। साथ ही घर को भी इस दौरान रंगरोगन और पेंट नहीं कराना चाहिए।
पंचकों में सफाई शुभ या अशुभ (Panchak me Safai Shubh ya Ashubh)
ज्योतिष में वैसे तो रंगाई पुताई का काम वर्जित माना गया है, लेकिन यदि पंचक काल लगने के पहले इस काम की शुरुआत हो जाए तो फिर इसे किया जा सकता है।
मान लीजिए 26 मार्च को दोपहर 12 बजे से पंचक लग रहे हैं तो इसके पहले से सफाई की शुरुआत कर ली जाए तो भले ही इसे लगातार पांच दिन तक किया जा सकता है। ऐसे में आप नवरात्रि के लिए मंदिर (Navratri ki Safai) घर की सफाई कर सकते है।
उतरते पंचकों में कर सकते हैं ये काम
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार उतरते पंचकों में विवाह, नवरात्रि की सफाई आदि काम किए जा सकते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार उत्तराभाद्रपद और रवेती नक्षत्र के पंचक ऐसे होते हैं जिनमें विवाह कार्य के लिए किए जा सकते हैं।
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