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Panchak March 2023 : इस बार पंचकों में भी हो सकेंगे सभी शुभ काम, जानें क्या है कारण

Panchak March 2023 : इस बार पंचकों में भी हो सकेंगे सभी शुभ काम, जानें क्या है कारण panchak-march-2023-this-time-all-auspicious-work-will-be-done-in-panchaks-also-know-what-is-the-reason-pds

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Preeti Dwivedi
Panchak March 2023 : इस बार पंचकों में भी हो सकेंगे सभी शुभ काम, जानें क्या है कारण

नई दिल्ली। Panchak March 2023 इस महीने के पंचक कल यानि 19 मार्च से शुरू हो गए हैं। पंचक के नाम से Panchak March 2023 कर कोई घबराने लगता है। वो इ​सलिए क्योंकि इस दौरान शुरू कार्यों की मनाही होती है। आपको बता दें इस महीने पचंक के तीसरे दिन यानि मार्च में 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू 2023 हो रही हैं। जिसके चार दिन पहले यानि 19 मार्च को पंचकों की शुरूआत हो गई है। रविवार को सुबह 9:37 मिनट से इसकी शुरूआत हो गई है। इसी के चौथे दिन चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं। आपको बता दें इस दिन से ही हिन्दू नववर्ष 2023 शुरू हो जाएगा। Rog Panchak March 2023 : पंचक के रहस्य बड़े गहरे हैं। इनका नाम सु​नते ही लोगों के मन में एक भय सा पैदा हो जाता है। ऐसे में यदि आप भी मार्च के महीने में शुभ काम करने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें इस महीने पंचक कब शुरू हो रहे हैं। साथ ही जानें इनकी समाप्ति कब होगी।

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मार्च में पंचक की तिथि —
पंचक शुरू — 19 मार्च सुबह 9:37 मिनट से
पंचक समाप्त — 23 मार्च शाम 4:10 मिनट तक

नवरात्रि होने से नहीं रहेगा दोष —
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार मां दुर्गा सभी का संहार करने वाली हैं। चूंकि इस बार पंचकों में माता रानी का आगमन होगा। इसलिए इस बार के पंचकों में किसी भी प्रकार का दोष नहीं माना जाएगा। यानि पंचकों के शुरू के तीन तो आपको थोड़ा ख्याल रखना होगा। लेकिन चौथे दिन से चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरूआत होने से इन पंचकों को दोष नहीं माना जाएगा।

क्या कहलाते हैं पंचक – panchak-Feb 2023-
आपको बता दें शुभ कामों के लिए जब मुहर्त देखे जाते हैं उनमें पंचक भी शामिल हैं। पंचक वह समय है चंद्रमा के कुंभ और मीन राशि में होने के दौरान लगता है। ज्योतिष के अनुसार इस दौरान किए गए कार्य का प्रभाव पांच गुना बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान किए गए दुष्प्रभाव से बचने के लिए पंचक कोई भी शुभ कार्य करने से बचने के लिए सलाह दी जाती है।

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कितने प्रकार का होता है पंचक – panchak-Feb 2023-
पंचांग के अनुसार यदि पंचक रविवार को पड़े तो रोग पंचक और सोमवार को पड़े तो राज पंचक कहलाता है। इसी प्रकार यदि पंचक मंगलवार को पड़े तो अग्नि पंचक और शुक्रवार को पड़े तो चोर पंचक कहलाता है। जबकि शनिवार के दिन पड़े वाले पंकच को मृत्यु पंचक कहा जाता है।

पंचक में नहीं किए जाते ये पांच काम – panchak-Feb 2023-
जिस पंचक के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही है। उसमें पांच कार्य भूलकर भी नहीं किए जाने चाहिए। पंचक में लकड़ी घर में लाना या फिर उससे बने सामान खरीदना। चारपाई बुनना, घर की छत ढलवाना, दक्षिण दिशा की यात्रा करना और घर को पेंट आदि करवाना सख्त मना है।

पंचक का उपाय panchak-Feb 2023-
हिंदू धर्म में किसी मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के समय पंचक पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यदि किसी की मृत्यु पंचक के दौरान होती है तो इस दोष को दूर करने के लिए बाकायदा शांति कराई जाती है। इसके लिए शव के साथ आटे से बने पांच पुतले अर्थी पर रखकर पूरे विधि.विधान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है। मान्यता है कि इस उपाय को करने से पंचक दोष दूर हो जाता है।

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पंचक से जुड़े जरूरी नियम – panchak- Feb 2023-

पंचक के समय लकड़ी या फिर लकड़ी से बने सामान को खरीदना या घर पर बनवाना नहीं चाहिए।
पंचक में चारपाई बुनवाने और घर की छत ढलवाने की भी विशेष रूप से मनाही है।
पंचक के दौरान यदि बहुत जरूरी न हो तो दक्षिण दिशा की यात्रा भूलकर नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, दक्षिण को यम की दिशा माना गया है।
इसी प्रकार पंचक के समय घर की पेंटिंग का कार्य नहीं शुरु करना चाहिए।यदि ये कार्य करवाने हों तो आप पंचांग की मदद से पंचक की जानकारी लेकर आगे–पीछे करवा सकते हैं।
पंचक के दौरान किसी परिजन की मृत्‍यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्‍कार खास विधि से करना चाहिए। उसके साथ 4 मोतिचूर के लड्डू या नारियल रख देना चाहिए। इससे परिवार का संकट टल जाता है।

आखिर क्या होते हैं पंचक — panchak-Feb 2023-
ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों को अत्यंत अशुभ मानते हुए उसमें कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है। ज्योतिष के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती समेत पांच नक्षत्रों की युति अत्यंत ही अशुभ मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा को गोचर पंचक कहलाता है। ऐसा माना जाता है कि पंचकों में घर के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार को भी मृत्यु तुल्य कष्ट को भोगना पड़ता है। रावण की मृत्‍यु भी पंचक काल में हुई थी। मान्‍यता है कि यदि किसी व्‍यक्ति की मृत्‍यु पंचक में हो जाए तो उसके खानदान के 5 सदस्‍यों की या तो मृत्‍यु हो जाती है या उन्‍हें मृत्‍यु जैसा कष्‍ट भुगतना पड़ता है। ज्योतिष पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

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नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।

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